महाकाल मंदिर में प्रोटोकाल दर्शन सुबह से किए बंद, दर्शन व्यवस्था बदलते रहे

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आधे श्रद्धालुओं को कार्तिकेय मंडपम से सीधे निकाला, तो आधों को गणपति मंडपम से कराए दर्शन

उज्जैन, अग्निपथ। विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में श्रावण के तीसरे सोमवार को जबरदस्त भीड़ भगवान महाकाल के दर्शन को उमड़ी। हालत यह रही कि दर्शन व्यवस्था को बार बार बदल कर श्रद्धालुओं को दर्शन कराए जाते रहे। प्रोटोकाल से आने वाले श्रद्धालुओं को निराश होना पड़ा। सुबह से ही इस व्यवस्था को बंद कर दिया गया था।

मुख्यमंत्री के आगमन और भीड़ के मद्देनजर जिला प्रशासन के आला अधिकारी सुबह से ही मंदिर में मुस्तैद नजर आए। कलेक्टर, एसपी सहित जिला प्रशासन के अन्य अधिकारी दर्शन व्यवस्था पर पैनी नजर रखते रहे। सुबह से ही प्रोटोकाल दर्शन काउंटर को बंद करा दिया गया था। यहां के कक्षों पर ताले लगा दिए गए थे। यहां के कर्मचारियों को अतिविशिष्ट अधिकारियों की तीमारदारी में लगा दिया गया था।

मुख्यमंत्री के आगमन से पूर्व उनकी धर्मपत्नी साधनासिंह मंदिर में दर्शन को पहुंची। यहां पर भी जिला प्रशासन के अधिकारी लगे रहे। यहां से उन्होंने महाकाल के गर्भगृह में जाकर पूजन अर्चन संपन्न किया। पूजन कराने के लिए पुजारी प्रदीप गुरु और यश गुरु साथ में रहे। इसके साथ ही आरएसएस के भय्याजी जोशी की आगवानी में प्रशासन लगा रहा। प्रभारी मंत्री जगदीश देवड़ा, गोपाल भार्गव को प्रोटोकाल देने के लिए अधिकारी कर्मचारी मुस्तैद रहे।

निर्गम गेट को किया बंद

निर्गम गेट से श्रद्धालुओं का निर्गम चलता रहा। इसके बाद इसको भी बंद करा दिया गया। पुराने महाकाल प्रवचन हाल के पीछे के गेट से इनको निकाला जाता रहा। वहीं शंख द्वार पर सामान्य और 250 रु. शीघ्र दर्शन टिकट धारियों के लिए लगाए गए अलग अलग बेरिकेड को एक कर दिया गया। लेकिन पुलिस कर्मियों की इस दौरान पौबारह रही। वे अपने परिचितों और घर वालों को यातायात प्री पेड बूथ के सामने लगे बेरिकेड से प्रवेश करवाते रहे। उनको 4 नंबर गेट से मंदिर के अंदर प्रवेश करवाते रहे।

आधे कार्तिकेय तो आधे गणपति मंडपम से दर्शन

भीड़ का दबाव इतना अधिक था कि चारधाम पर लगाए हुए जिगजैग में जनता को प्रवेश कराए बगैर भीड़ को छोड़ा जाता रहा। यहां तक कि श्रद्धालुओं का मंदिर के अंदर दबाव कम करने के लिए आधे श्रद्धालुओं को कार्तिकेय मंडपम के निर्गम गेट से बाहर निकालते रहे। वहीं आधे श्रद्धालुओं को गणपति मंडपम से दर्शन करवाते रहे। मंदिर के अंदर जिला प्रशासन के अधिकारियों ने मोर्चा संभाल लिया था।

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