महाकाल महालोक और मंदिर में घटिया निर्माण कार्य की पोल खुली: 4 दिन में दूसरी बार गिरी POP छत

उज्जैन,  अग्निपथ। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर और उसके आसपास के नवनिर्मित महाकाल महालोक क्षेत्र में घटिया निर्माण कार्य की शिकायतें अब खुलकर सामने आ रही हैं। बीते चार दिनों के भीतर ही POP (प्लास्टर ऑफ पेरिस) छत गिरने की यह दूसरी घटना है, जिसने निर्माण की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

महाकाल महालोक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में गिरी छत

ताजा घटना महाकाल महालोक के शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के बरामदे में हुई, जहां गुरुवार देर रात को POP की छत गिर गई। शुक्रवार सुबह जब मंदिर से जुड़े सुरक्षाकर्मी और कर्मचारी मौके पर पहुंचे तो इस घटना की जानकारी मिली। गनीमत रही कि घटना देर रात हुई, उस समय वहां कोई मौजूद नहीं था। अक्सर दिन के समय धूप या बारिश से बचने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस बरामदे में बैठते हैं। यदि यही हादसा दिन में होता, तो मामला बेहद गंभीर हो सकता था और कई लोग हताहत हो सकते थे।

जगह-जगह टपक रहा है शॉपिंग कॉम्प्लेक्स

शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में जगह-जगह से पानी टपकने की शिकायतें भी सामने आ रही हैं। बारिश होते ही अंदर भी पानी टपकने लगता है, और माना जा रहा है कि इसी वजह से POP की छत गिरी है। गौरतलब है कि महाकाल महालोक का यह शॉपिंग कॉम्प्लेक्स शहर के सबसे महंगे कॉम्प्लेक्स में से एक है। महंगा होने के कारण अभी तक अधिकतर दुकानें शुरू भी नहीं हो पाई हैं। ऐसे महंगे कॉम्प्लेक्स के निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर अब सवाल उठना लाजमी है।

मंदिर के अंदर नवनिर्मित टनल में भी गिरी थी छत

यह पहली घटना नहीं है। इससे ठीक चार दिन पहले, 22 जून को महाकाल मंदिर के अंदर नवनिर्मित टनल की POP छत भी गिर गई थी। यह टनल नंदी हॉल के पास से बनाई जा रही है, जिसकी दीवारों पर वियतनामी मार्बल की स्टोन क्लैडिंग की जा रही है, ताकि इसका लुक सुंदर और भव्य दिखे। यह टनल नंदी हॉल से शुरू होकर गणेश मंदिर के पास स्थित सुलभ शौचालय की ओर निकलेगी।

14.32 करोड़ रुपए की लागत

महाकाल लोक के लोकार्पण के बाद से प्रतिदिन डेढ़ से दो लाख श्रद्धालु दर्शन के लिए आ रहे हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए मंदिर के अंदरूनी हिस्से का विस्तार दूसरे चरण में किया जा रहा है। नंदी हॉल के पीछे से गुजरने वाली यह टनल श्रद्धालुओं को गणेश मंडपम से दर्शन के बाद बाहर निकलने का एक सुविधाजनक और सुंदर रास्ता है। इस सुरंग और क्लैडिंग कार्य पर कुल 14.32 करोड़ रुपए की लागत आ रही है। ऐसे महंगे निर्माण में भी पानी टपकने के कारण छत का गिरना निर्माण कार्य में लापरवाही की ओर इशारा करता है।

ये घटनाएं महाकाल मंदिर और महाकाल महालोक के निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर बड़े सवाल खड़े करती हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा और भव्य धार्मिक स्थल की गरिमा बनाए रखने के लिए इस मामले में उच्च स्तरीय जांच और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है। प्रशासन को इस पर तत्काल ध्यान देना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसे हादसे न हों।

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