महाकाल सवारी का अनोखा रंग: हर बार नई थीम, बटुकों के मंत्रोच्चार से गूंजेगी पहली सवारी!

उज्जैन, अग्निपथ। श्रावण मास में निकलने वाली भगवान महाकाल की सवारियों को इस बार और भी आकर्षक बनाने की तैयारी है। प्रशासन ने प्रत्येक सवारी के लिए अलग-अलग थीम तय की है, ताकि हर सवारी एक नया अनुभव दे। शनिवार को कलेक्टर रोशन कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रशासनिक अधिकारियों ने यह निर्णय लिया।

पहली सवारी इस बार बटुकों के मंत्रोच्चार की थीम पर आधारित होगी। इसके लिए दो टीमें बनाई गई हैं। एक टीम सवारी के आगे चलेगी, जबकि दूसरी शिप्रा तट पर रहेगी। दूसरी सवारी में आदिवासी नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति होगी, और तीसरी सवारी में पुलिस बैंड अपनी धुन बिखेरेगा।

बैठक में श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक और एडीएम प्रथम कौशिक तथा सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने श्रावण माह के दर्शन और सवारी व्यवस्था का प्रेजेंटेशन दिया। एसपी प्रदीप कुमार शर्मा सहित अन्य विभागों के अधिकारी भी मौजूद थे। बैठक के बाद कलेक्टर और एसपी ने मंदिर से सवारी मार्ग का निरीक्षण किया।

श्रावण महोत्सव और सांस्कृतिक संध्या: महाकाल महालोक में भक्ति और कला का संगम

श्रावण-भादौ महीने के दौरान श्री महाकालेश्वर मंदिर में विशेष आयोजनों की भी जानकारी बैठक में दी गई। श्रावण महोत्सव सप्ताह में एक दिन आयोजित किया जाएगा। इसके अलावा, अन्य दिनों में शाम 6 से 8 बजे तक सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। इन कार्यक्रमों का आयोजन महाकाल महालोक के नंदी द्वार पर किया जाएगा। इन आयोजनों में उन कलाकारों को मौका मिलेगा, जिनका चयन श्रावण महोत्सव के लिए नहीं हुआ है।

सोमवार को 4 नंबर गेट रहेगा बंद, अतिक्रमण पर नकेल!

श्रावण-भादौ महीने में सोमवार को दोपहर 12 से शाम 5 बजे तक श्री महाकालेश्वर मंदिर का प्रवेश गेट क्रमांक 4 बंद रहेगा। प्रत्येक सोमवार को सवारी निकलने तक यह गेट बंद रखा जाएगा। इस दिन टिकट वाले श्रद्धालुओं को भी गेट नंबर 1 से ही प्रवेश दिया जाएगा।

वहीं, बड़ा गणेश मंदिर के सामने अतिक्रमण को लेकर भी प्रशासन सख्त हो गया है। अब यहां नगर निगम, पुलिस और मंदिर कर्मचारियों की एक टीम स्थायी रूप से तैनात रहेगी, ताकि सड़क के दोनों ओर दुकानें लगाकर अतिक्रमण न हो सके।

गर्भगृह में साफ-सफाई, रुद्रयंत्र और दरवाजों की चमक होगी बहाल

श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्रावण मास की तैयारियां जोरों पर हैं। शनिवार से मंदिर के गर्भगृह में स्थित चांदी के रुद्रयंत्र और दीवारों की साफ-सफाई शुरू हो गई है। इस दौरान जलाधारी, देहरी पर लगे चांदी के दरवाजे और नंदी हॉल के दरवाजों की भी सफाई की जाएगी। 11 जुलाई से श्रावण मास शुरू हो रहा है, जिसमें देशभर से श्रद्धालु और कावड़ यात्री दर्शन के लिए उज्जैन पहुंचेंगे। मंदिर प्रबंध समिति ने दिल्ली के भक्त सुशील शर्मा के माध्यम से कारीगरों को यह सफाई कार्य सौंपा है, जिसके तीन दिन में पूरा होने की संभावना है।

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