नलखेड़ा, अग्निपथ। विश्व प्रसिद्ध मां बगलामुखी मंदिर के पीछे लखुंदर नदी पर बन रहे बायपास पुल के निर्माण के लिए ठेकेदार द्वारा अब दिन के समय भी ब्लास्टिंग की जा रही थी। इसकी सूचना मिलते ही तहसीलदार प्रियंक श्रीवास्तव ने तुरंत मौके पर पहुँचकर ब्लास्टिंग कार्य बंद करवाया और ठेकेदार को भविष्य में कभी भी ब्लास्टिंग न करने की सख्त हिदायत दी।
मंदिर परिसर में तीव्र कंपन महसूस
पुल निर्माण के लिए नदी की चट्टान तोड़ने हेतु अभी तक केवल रात्रि में ही ब्लास्टिंग की जा रही थी। लेकिन, सोमवार को दिन में करीब 3:00 बजे नदी में ब्लास्टिंग की गई, जिसके चलते मंदिर परिसर में तीव्र कंपन महसूस किया गया।
ब्लास्टिंग की सूचना मिलते ही तहसीलदार प्रियंक श्रीवास्तव तुरंत घटनास्थल पर पहुँचे। उन्होंने वहाँ मौजूद कर्मचारियों को ब्लास्टिंग न करने की चेतावनी दी और निर्माण कार्य कर रहे मजदूरों को सख्त लहजे में कहा कि यदि अब ब्लास्टिंग की गई, तो संबंधित ठेकेदार के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
प्राचीन मंदिर और डेम को खतरा
लखुंदर नदी पर जिस स्थान पर पुल निर्माण के लिए ब्लास्टिंग की जा रही है, उसकी दूरी मंदिर से मात्र 500 मीटर के लगभग है।
मंदिर को खतरा: ब्लास्टिंग के कारण होने वाले तीव्र कंपन से यह प्राचीन मंदिर खतरे में पड़ सकता है। मंदिर का सभा मंडप लगभग 700 वर्ष पूर्व बना था। लगातार हो रहे धमाकों और कंपन से इस प्राचीन मंदिर के मूल स्वरूप को नुकसान पहुँच सकता है, जिससे जनहानि होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
पेयजल डेम को खतरा: नगर की पेयजल व्यवस्था के लिए 22 वर्ष पूर्व निर्मित हुए स्टॉप डेम की सुरक्षा भी खतरे में है। ब्लास्टिंग के कारण हो रहे धमाकों और कंपन से डेम क्षतिग्रस्त हो सकता है, जिससे नगर की पेयजल व्यवस्था भी बिगड़ सकती है।
