6 माह में ही बीते साल जितने हादसे, सुरक्षा इंतजाम शून्य
बदनावर, अग्निपथ। बदनावर तहसील से गुजरने वाला लेबड़-नयागाँव फोरलेन अब जिले में सबसे अधिक दुर्घटना-प्रवण (ब्लैक स्पॉट) मार्गों में शुमार हो गया है। इस सड़क पर अंधाधुंध रफ्तार, नियमों की अनदेखी और सड़क निर्माण की तकनीकी खामियों के कारण लगातार हादसे हो रहे हैं, जो लोगों की जान पर भारी पड़ रहे हैं। चिंता की बात यह है कि सड़क सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है, जिसके कारण केवल 6 महीनों में ही मौतों का आंकड़ा पिछले पूरे साल के बराबर पहुँच चुका है।
स्थानीय रिपोर्ट के अनुसार, यह मार्ग जिले की प्रमुख सड़कों में सर्वाधिक दुर्घटना वाला मार्ग बन चुका है। जनवरी से 30 जून 2025 तक, जिले में 380 सड़क दुर्घटनाएँ हुई हैं, जिसमें 129 लोगों की जान चली गई और 374 लोग घायल हुए। इन हादसों में सबसे अधिक शिकार युवा हो रहे हैं।
सुरक्षा निर्देशों पर कार्रवाई शून्य
गत 14 नवंबर को अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) ने मार्ग की खामियों को दूर करने के लिए निर्देश दिए थे, जिसमें चेतावनी संकेतक लगाने, मोड़ों पर विज़िबिलिटी सुधारने और रंबल स्ट्रिप्स लगाने के निर्देश शामिल थे।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि आज तक इन निर्देशों का धरातल पर कोई असर नहीं दिखा है। इससे यह साफ झलकता है कि एमपीआरडीसी (MPRDC) और निर्माण एजेंसियां जनता की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि सर्वाधिक मोड़ों पर सिग्नल, साइनेज और रात में लाइटिंग सिस्टम का नदारद होना, इस मार्ग को लगातार ब्लैक स्पॉट में बदल रहा है।
नागरिकों की मांग
क्षेत्रवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि एमपीआरडीसी, ठेकेदार एजेंसियों और यातायात विभाग की संयुक्त जवाबदेही तय की जाए। साथ ही, मार्ग के खतरनाक हिस्सों की तत्काल जाँच कर अस्थायी रोकथाम उपायों को लागू किया जाए। उनका कहना है कि हादसों को रोकने हेतु सिग्नल, स्पीड कंट्रोल और रंबल स्ट्रिप्स लगाए जाएँ, अन्यथा यह मार्ग आने वाले दिनों में और अधिक मौतें दर्ज करेगा।
इधर, बड़ी चौपाटी पर फोरलेन किनारे अवैध अतिक्रमण हटाने को लेकर शनिवार को मुनादी (घोषणा) करवाई गई। अतिक्रमणकर्ताओं को स्वेच्छा से अतिक्रमण हटाने की अपील की गई, जिसके लिए प्रशासन ने तीन दिन का समय दिया था।
