धार, अग्निपथ। जहां एक ओर इंदौर-दाहोद रेल परियोजना विकास की नई राह खोल रही है, वहीं दूसरी ओर इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। धार में रेलवे क्रॉसिंग पर बन रहे नए ओवरब्रिज के कारण रतलाम रोड को अचानक बंद कर दिया गया, जिससे पूरे शहर में वाहनों का जाम लग गया। इस अव्यवस्था ने लोगों को भारी परेशानी में डाल दिया।
विकास कार्यों की आधी-अधूरी तैयारी के चलते रेलवे ने बिना किसी पूर्व सूचना के रतलाम रोड को बंद कर दिया। यह मार्ग, जो कि राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित है, मध्यप्रदेश को राजस्थान से जोड़ता है और इस पर चौबीसों घंटे वाहनों की आवाजाही रहती है। रोड बंद होने से सारा ट्रैफिक सुनारखेड़ी रोड पर आ गया, जहाँ अंडरपास में बारिश का पानी भर जाने से दोपहिया और चार पहिया वाहन चालकों को निकलने में दिक्कत हुई। लोगों ने अपना रास्ता तक बदलना शुरू कर दिया, जिससे पूरे दिन वाहन रेंगते रहे।
लापरवाही का आलम
स्थानीय लोगों का कहना है कि अधिकारी सिर्फ एसी कमरों में बैठकर योजनाएं बनाते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत से बेखबर हैं। बारिश के कारण सुनारखेड़ी रोड पर पानी और कीचड़ जमा हो गया है, जिससे वाहन चालकों को गिरने का खतरा बना हुआ है। ट्रैफिक डायवर्ट करने से पहले न तो कोई संकेतक लगाए गए और न ही सड़क को दुरुस्त किया गया।
अवरुद्ध हुआ बायपास
रतलाम रोड बंद होने से इंदौर-अहमदाबाद बायपास पर भी ट्रैफिक जाम हो गया। एक साथ वाहनों के आने-जाने से दुर्घटनाओं का अंदेशा बना हुआ है। सुरक्षा के लिए फोरलेन पर बोर्ड भी नहीं लगाए गए हैं।
सिर्फ कागजों पर निर्देश
अधिकारियों ने कागजों पर कई निर्देश जारी किए थे, जैसे कि केवल छोटे वाहनों और बसों को ही वैकल्पिक मार्ग से निकलने देना, ऊंचे वाहनों को रोकने के लिए हाइट बार लगाना और सुरक्षा के लिए संकेतक लगाना। लेकिन, ये सभी निर्देश धरातल पर कहीं नजर नहीं आ रहे हैं। रेलवे का दावा है कि ओवरब्रिज का काम एक साल में पूरा हो जाएगा, लेकिन मौजूदा स्थिति को देखते हुए यह संभव नहीं लगता। लोगों की मांग है कि इस मार्ग को बारिश के बाद ही बंद किया जाए।
