लहसुन ने किसानों को कमाई दी तो प्याज फायदा नहीं करवा पाया

Onion Mandi

आलू से किसान की भरपाई होने की संभावना, गेहूं में समर्थन मूल्य से किसान खुश होगा, तो मध्यम वर्ग की हालत होगी खराब

उज्जैन, अग्निपथ। इन दिनों ठंड और नमी से सीजन की कई फसलों को नुकसान की शंका से किसान के चेहरे पर चिंता की लकीरें छाने लगी है। सोयाबीन ने किसान के साथ ही व्यापारी को इस सीजन में दाम नहीं दिलाए। गेहूं को लेकर अभी सभी तरफ कुहांसे के बादल हैं। किसान और व्यापारी सरकार की तरफ देख रहे हैं।

समर्थन मूल्य से सीजन पर सीधा असर पड़ेगा। लहसुन ने किसानों को राहत दी है। प्याज शुरू में अच्छे दाम दिला गया था। परन्तु बाद में सस्ते में जाने लगा और अभी तक यही हाल बना हुआ है। हालांकि कच्चे प्याज की वजह से किसान भी शांत है। सर्दी का प्याज दो महीने से ज्यादा नहीं टिकता है। आलू की फसल से नुकसान की भरपाई हो रही है।

गेहूं की आवक शुरू होने से किसान भी अभी कटाई में लगने लगा है। फरवरी से आवक बढऩे लगेगी। व्यापारियों का मानना है कि किसान तब तक मंडी में गेहूं लेकर नहीं आएगा, जब तक सरकार समर्थन मूल्य पर फैसला नहीं कर देती है। चुनावी घोषणा के मुताबिक अगर गेहूं में तेजी आती है तो किसानों की बल्ले -बल्ले हो जाएगी। परन्तु मध्यम वर्ग की हालत पतली हो जाएगी।

क्योंकि गरीबों को 2 रुपए किलों में गेहूं मिलने लगेगा। सबसे ज्यादा नुकसान मध्यम वर्ग का होगा। उसे अभी 2500 से 3500 रुपए में गेहूं खरीदना पड़ रहा है। आने वाले दिनों में यह 4000 से 4500 रुपए के दाम पर बिकने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि सरकार ने अगर कोई रास्ता निकाल लिया तो किसान भी खुश और मध्यम वर्ग भी खुश हो सकता है। आगामी दिनों में लोकसभा चुनाव के चलते सरकार को फार्मूला निकालना ही पड़ेगा।

गर्मी के प्याज से कमाई की आशा

बताया जाता है कि सर्दी का प्याज ज्यादा दिन टिकता नहीं है और गर्मी का प्याज लंबे समय तक चलता है। इस प्याज को किसान के साथ व्यापारी भी संभालते हैं। इसलिए इसकी डिमांड ज्यादा रहती है। फरवरी के बाद से गर्मी का प्याज आने लगेगा, तब रेट के ऊंचे जाने की संभावना जताई जा रही है। उस दौरान लोकसभा चुनाव भी सामने आ जाएंगे। ऐसे में सरकार का फोकस भी प्याज के दाम पर ही रहेगा।

अभी प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध के चलते कमजोर दाम चल रहे हैं। मंडी में प्याज 100 रुपए क्विंटल से 1250 रुपए क्विंटल तक बिक रहा है। लहसुन मंडी में 23000 हजार रुपए क्विंटल तक बिक रहा है। हालांकि गोल्टी किस्म के लहसुन के दाम 16000 हजार रुपए क्ंिवटल तक जा रहे हैं। वहीं आलू 100 रुपए क्विंटल से लेकर 1200 रुपए क्विंटल के दाम तक गए हैं।

तीन दिन बाद आज खुलेगी मंडी

शुक्रवार से मंडी में रविवार तक अवकाश रहा। तीन दिन बाद सोमवार से मंडी फिर खुलेगी। 25 जनवरी गुरुवार को मंडी में 9156 बोरियों की आवक रही थी। इसमें भी सोयाबीन की 7 हजार 19 बोरियों की रही थी। जबकि लोकवान की 1577 बोरियों और पूर्णा की 153 बोरियों और पोषक की 406 बोरियों की आवक रही। हालांकि इनके अधिकतम दाम 3196 से लेकर 2472 के बीच रहे। अब नए गेहूं के आने से रेट में ज्यादा उछाल तो नहीं आ रहा है। परन्तु समर्थन मूल्य के बाद दाम में इजाफा होने की संभावना है।

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