जान दे देंगे, जमीन नहीं देंगे, किसान करेंगे ‘डेरा डालो-घेरा डालो’ आंदोलन
उज्जैन, अग्निपथ। सिंहस्थ मेला क्षेत्र की जमीन अधिग्रहण को लेकर भारतीय किसान संघ में आक्रोश है। प्रदेश अध्यक्ष कमल सिंह आंजना ने कहा कि प्रदेश शासन ने 17 नवम्बर को भोपाल में बैठक बुलाकर लेड पुलिंग समाप्त करने की घोषणा की थी लेकिन आज तक कोई भी लिखित में आदेश नहीं आया है हमारे साथ धोखा हुआ है।
संगठन का धैर्य समाप्त हुआ, अब रण होगा। सैकडों वर्षों से जो सिंहस्थ तम्बू एवं टेंट लगाता आया है ऐसा ही सिंहस्थ उज्जैन में लगे। हमारे साधु संत भी पक्के मकान में डेरा नहीं डालते हैं। पक्के मकान सिंहस्थ मेला नहीं लगता है। इसलिए किसानों की जमीन छिनकर पक्की बिल्डिंगे, क्राक्रेट का जंगल नहीं बनने देंगे। हमारा नारा है जान दे देंगे, जमीन नहीं देंगे। इसलिए 26 दिसम्बर को उज्जैन के अंदर घेरा डालो डेरा डालो आंदोलन की घोषणा की जाती है।
सभी 18 जिलो की 115 तहसीलो के कार्यकर्ता अपने वाहनों में, डंडा झंडा, आटा दाल, चावल, लकड़ी कंडा लेकर बड़ी संख्या में पहुंचेंगे। इसके पूर्व बैठक में मुख्य अतिथि प्रदेश अध्यक्ष कमल सिंह आंजना, प्रदेश मंत्री राजेन्द्र शर्मा, प्रांत संगठन मंत्री अतुल माहेश्वरी, महामंत्री रमेश दांगी ने क्रषि देवता भगवान बलराम जी एवं भारत माता पूजन ध्वज लगाकर बैठक की शुरुआत की।
बैठक चिंतामण रोड़ स्थिति अम्बेडकर भवन में आयोजित हुई। बैठक में 18 जिलों के 239 कार्यकर्ता उपस्थित हुए। जिन्होंने उज्जैन के किसानों के पक्ष में सरकार के खिलाफ अनिश्चित काल के लिए डेरा डालो घेरा डालो आंदोलन का शंखनाद किया।
