लोक अदालत में प्रकरणों का समझौते से हुआ समाधान

विवाद से बिछड़े पति-पत्नी का हुआ मिलन, चेहरों पर छायी खुशी

उज्जैन, अग्निपथ। लोक अदालत विवाद के पक्षकारों को समझौते के आधार पर सहज एवं सुलभ न्याय दिलाने का सरल एवं नि:शुल्क माध्यम है। लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण से पक्षकारों के समय एवं धन की बचत होती है तथा आपसी भाईचारा एवं सद्भाव भी बना रहता है। उक्त बात शनिवार को आयोजित नेशनल लोक अदालत के शुभारंभ के दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष  प्रधान जिला न्यायाधीश पी.सी. गुप्ता साहब ने कही।

जिला न्यायालय भवन के मुख्य प्रवेश द्वार पर माननीय प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष पी.सी. गुप्ता साहब के साथ संजीव कुमार गुप्ता, अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय. श्रीमान ए.पी.एस चौहान, विशेष न्यायाधीश उज्जैन एवं मुख्यालय पर पदस्थ न्यायाधीशगण, न्यायाधीश / सचिव जिविसेप्रा मनोज कुमार भाटी, मण्डल अभिभाषक संघ अध्यक्ष ओम सारवान, उपाध्यक्ष सुरेन्द्र मेहता, अधिवक्ता संदीप मेहता अन्य अधिवक्तागण, पेनल लॉयर्स, एलएडीसीएस के अधिवक्तागण, पैरालीगल वांलटीयर्स एवं अन्य अतिथिगण की उपस्थिति में प्रधान जिला न्यायाधीश द्वारा नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ किया गया।

अध्यक्ष जिविसेना द्वारा समस्त पीठासीन अधिकारियों को नेशनल लोक अदालत में रखे गए प्रकरणों का अधिक से अधिक संख्या में निराकरण करने संबंधी निर्देश एवं शुभकामनाएँ दी गयीं तथा समस्त न्यायालयों का निरीक्षण कर कार्य प्रगति की जानकारी लेते हुये अधिक से अधिक संख्या में प्रकरणों का निराकरण करने हेतु प्रोत्सहित व निर्देशित किया गया।

नेशनल लोक अदालत में सैकड़ों की संख्या में पक्षकारगण, आम नागरिक लाभांवित हुयें। विशेषकर पारिवारिक प्रकृति के विवादों के साथ-साथ क्लेम, विद्युत चोरी, चेक बाउंस आपराधिक एवं दीवानी प्रकरणों का काफी संख्या में निराकरण हुआ। पारिवारिक प्रकरणों में अनेक बिछड़े हुयें परिवारों को मिलाया गया एवं मोटर दुर्घटना क्लेम प्रकरणों में पीडि़त व्यक्तियों को लाखों रुपए की क्षतिपूर्ति राशि के अवॉर्ड भी पारित हुयें।

पारिवारिक प्रकरणों में अनेक बिछड़े हुयें परिवारों को मिलाया गया

न्यायालय अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय उज्जैन के न्यायालय में तलाक के प्रकरण में लोक अदालत में हुआ निराकरण-आवेदिका निवासी-आनन्द नगर, आगर रोड़ उज्जैन का विवाह मुकेश (परिवर्तित नाम) निवासी इंदौर के साथ 29 जुलाई 2017 को हुआ था। आवेदिका 16 अक्टूबर 2024 से मायके में निवासरत उसने पति के विरूद्ध भरण पोषण तथा तलाक का केस न्यायालय में लगाया। लोक अदालत में समझाईश के बाद दोनों ने साथ रहने का समझौता किया, पांच वर्षीय पुत्र निहारे को अब माता-पिता दोनों का स्नेह मिलेगा।

इसी प्रकार से अन्य प्रकरण में आवेदिका का विवाह विजेन्द्र (परिवर्तित नाम) के साथ 23 अप्रैल 2021 को हुआ, आवेदिका 28 अक्टूबर 2024 से मायके में निवासरत थी। आवेदिका के द्वारा अपने पति के विरूद्ध भरण पोषण प्रकरण न्यायालय में लगाया गया, लोक अदालत में समझौता हुआ, तीन वर्षीय पुत्री रीना को माता-पिता दोनों का प्यार मिला व बिछडा परिवार एक हुआ।

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