देवास, अग्निपथ। देवास में शराब ठेकेदार दिनेश मकवाना की आत्महत्या के मामले में मध्य प्रदेश सरकार ने बड़ा प्रशासनिक एक्शन लिया है। सहायक आबकारी आयुक्त (Assistant Excise Commissioner) मंदाकिनी दीक्षित को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह सख्त कार्रवाई मृतक दिनेश मकवाना के एक वायरल वीडियो के सामने आने के बाद हुई है, जिसमें उन्होंने दीक्षित पर अवैध वसूली के बेहद गंभीर आरोप लगाए थे।
वायरल वीडियो में क्या है आरोप?
शराब ठेकेदार दिनेश मकवाना की मौत के 27 दिन बाद अचानक वायरल हुए इस वीडियो ने आबकारी विभाग में हड़कंप मचा दिया। वीडियो में दिनेश मकवाना ने दावा किया था कि सहायक आबकारी आयुक्त मंदाकिनी दीक्षित उनकी पाँच दुकानों के लिए हर महीने 7.5 लाख रुपये (डेढ़ लाख रुपये प्रति दुकान के हिसाब से) की मांग कर रही थीं।
दिनेश ने वीडियो में कहा, “मेरी पांच शराब दुकानें हैं। 14 करोड़ रुपये का ठेका है। मुझसे प्रति एक दुकान के डेढ़ लाख के हिसाब से हर महीने सहायक जिला आबकारी आयुक्त देवास मंदाकिनी दीक्षित द्वारा मांगे जा रहे थे। मैं करीब 20-22 लाख रुपये दे चुका हूँ। अगर पैसा नहीं देता था तो वे वेयरहाउस से माल रुकवा देती थी। अब मैं एसी मैडम मंदाकिनी दीक्षित से त्रस्त आकर आत्महत्या कर रहा हूँ।”
निलंबन आदेश में क्या कहा गया?
जारी निलंबन आदेश में स्पष्ट किया गया है कि वायरल वीडियो में लगाए गए आरोप प्रथम दृष्टया अत्यंत गंभीर हैं और यह मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के नियम-3 का उल्लंघन है। इसी आधार पर मंदाकिनी दीक्षित को मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम-9 के तहत सस्पेंड किया गया है।
निलंबन अवधि के दौरान उनका मुख्यालय आबकारी आयुक्त कार्यालय, ग्वालियर रहेगा और उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा।
आबकारी अधिकारी ने लगाया ब्लैकमेलिंग का आरोप
इस बीच, सहायक आबकारी अधिकारी मंदाकिनी दीक्षित का भी पक्ष सामने आया है। उनका कहना है कि ठेकेदार दिनेश की माँ संतोष बाई उनकी मौत के बाद से उन्हें ब्लैकमेल कर रही हैं और उनसे दो करोड़ रुपये की मांग की जा रही है। रुपये न दिए जाने पर मृतक का वीडियो वायरल करने की धमकी दी जा रही थी। इस संबंध में आबकारी अधिकारी ने 24 नवंबर को ही देवास एसपी को आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की थी।
यह पूरा मामला अब एक नया मोड़ ले चुका है, जिसमें एक तरफ आत्महत्या का गंभीर आरोप है, तो दूसरी तरफ ब्लैकमेलिंग का दावा। पुलिस और प्रशासन दोनों ही पहलुओं पर जाँच कर रहे हैं।
