शहर का 20 साल का प्लान: उज्जैन में चलेंगी 353 बसें, 15 स्मार्ट बस स्टैंड बनाए जाएंगे

उज्जैन ग्रीन मोबिलिटी प्लान में रखे गये 8500 करोड़ के प्रस्ताव

उज्जैन, अग्निपथ। शहर का 20 साल को ध्यान में रखते हुए प्लान तैयार किया गया है। इसके तहत शहर में तीन चरणों में 353 बसें चलाई जाएगी। 15 स्मार्ट बस स्टैंड बनाए जाएंगे। यह सब उज्जैन ग्रीन मोबिलिटी प्लान के तहत किया जाएगा। इसके लिए 8500 करोड़ का प्रस्ताव रखा गया है।

मंगलवार को मेला कार्यालय में आयुक्त रोशन सिंह की अध्यक्षता में बैठक रखी गई। इसमें दिल्ली से यूएमटीसी की टीम द्वारा सभी प्रस्ताव दिखाए गये एवं उनपर विचार विमर्श किया गया। प्रस्ताव में 128 किलोमीटर कि चयनित सडक़ों का चौडीकरण, एवं 120 नवीन सडक़ों के निर्माण भी शामिल हैं। शहर के अंदर तीन चरणों में 353 बसों का संचालन किया जायेगा एवं 15 स्मार्ट बस स्टैंड, तपोभूमि पर 1 नवीन तकनीक का आईएसबीटी अथवा सिंहस्थ के लिए एक अस्थायी आईएसबीटी प्रस्तावित किया गया है।

देवास गेट बस स्टैंड एवं हरिफाटक से तपोभूमि तक 15 किलोमीटर का हाई डिमांड कोरिडोर प्रस्ताव दिया गया। टीम द्वारा उज्जैन रेलवे स्टेशन से त्रिवेणी संग्रालय होते हुए रामघाट से भर्तहरी गुफा एवं काल भैरव मंदिर तक रोपवे का प्रस्ताव भी दिया गया। रहवासी एवं व्यावसायिक क्षेत्रों के मध्य से 7 रूट का चयन किया गया एवं 9 ऑटो एवं ई-रिक्शा स्टैंड का प्रस्ताव रखा। कच्ची सडक़ों का सर्वे कर 190 किलोमीटर पर फुटपाथ एवं 52 किलोमीटर का साइकिल ट्रैक भी प्लान में रखा।

महाकाल लोक के अतिरिक्त 2.5 किलोमीटर का रूट वाहन प्रतिबंधित क्षेत्र रहेगा जिन्हें 8 स्थानों पर रोका जायेगा एवं इस क्षेत्र में केवल शासन द्वारा संचालित इ-रिक्शा एवं ई-स्कूटर ही चलेंगे । टीम द्वारा यह प्रस्ताव भी दिया गया की क्षिप्रा नदी के किनारे प्रमुख घाटों को छोडक़र ग्रीन बेल्ट एवं इको-मोबिलिटी कॉरिडोर बनाया जाये । इसके अतिरिक्त अनाज, फल, फूल एवं सब्जी मंडियों को शहर के बाहर देवास रोड पर स्थापित करना, 43 चौराहों का सुधार एवं चौड़ीकरण, 8 किलोमीटर की महाकाल मंदिर से गोपाल मंदिर एवं पुराने शहर के क्षेत्र में एकल मार्ग, 22 स्थानों पर स्मार्ट सिगनल, 37 स्थानों पर इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन, एवं 17 वाहन पार्किंग का भी प्रस्ताव दिया गया द्य आने वाले 20 वर्षों में यातायात सुविधा को बढाने के लिए यूएमटीसी टीम द्वारा कुल 8500 करोड़ के प्रस्ताव टीम द्वारा अधिकारीयों के समक्ष रखे।

शहर के विकास का प्रमुख कैटेलिस्ट सुगम यातायात एवं सडक़ अवसंरचना होता है, 2028 में आने वाले सिंहस्थ के अंदर ये ग्रीन मोबिलिटी प्लान कारगर साबित होगा। – रौशन कुमार सिंह, निगमायुक्त, नगर पालिक निगम उज्जैन

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