कार्तिक स्नान और मेले में जाने वाले लोगों की मुसीबत बढ़ी
उज्जैन, अग्निपथ। उज्जैन नगर निगम ने शिप्रा नदी पर बनी छोटी पुलिया को तोड़ दिया है। तोडऩे से पहले नगर निगम कार्तिक के स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं सहित मेले में आने वाले लोगों को भूल गया, जिससे मेले में और दत्त अखाड़े की ओर जाने वाला रास्ता बंद हो गया है।
शुक्रवार को जेसीबी और अन्य संसाधनों से छोटी रपट को तोड़ दिया गया, जिससे लोगों को का$फी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल, छोटी रपट के स्थान पर नया पुल बनना है। पुल बनाने का काम 18 माह में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
दोनों ओर से रास्ता बंद हो गया
निगमायुक्त अभिलाष मिश्रा के अनुसार, गुरुवार से नपती के बाद रपट को आवागमन के लिए पूरी तरह बंद कर दिया गया है। निर्माण को स्थगित करने की कवायद भी शुरू हो गई है, जिसके बाद दोनों ओर से रास्ता बंद हो गया है।
प्रशासनिक अधिकारियों में समन्वय की कमी : कांग्रेस
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रशासनिक अधिकारियों में समन्वय की कमी और नगर निगम के भाजपा बोर्ड की लापरवाही की भेंट इस बार कार्तिक मेला चढऩे वाला है। कार्तिक स्नान की आस तो खतरे में है ही, करोड़ों रुपए खर्च कर दुकान लगाने वाले दुकानदार और कार्तिक मेला देखने की उम्मीद लगाए उज्जैन वासियों के अरमानों पर पानी फिर गया है।
जहां व्यापारी बैठते थे, उसे ही तोड़ रहे
शहर कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि नगरनिगम, जिला प्रशासन और सेतु निगम में कोई समन्वय नहीं है। संभागायुक्त का काम है इन विभागों में समन्वय कर सिंहस्थ के काम कराए। अब कार्तिक मेले में व्यापारियों के साथ धोखा हो रहा है, जिस जगह पर छोटे व्यापारी बैठते थे, उसी जगह को निगम तोड़ रहा है। आने-जाने के सारे रास्ते ही बंद कर दिए गए हैं।
