उज्जैन, अग्निपथ. शिप्रा नदी के रामघाट पर एक बार फिर बड़ा हादसा होते-होते टल गया. रविवार को आरती स्थल पर नहा रहा एक युवक अचानक गहरे पानी में चला गया और डूबने लगा. मौके पर मौजूद एसडीईआरएफ के जवानों और तैराकों की मुस्तैदी ने युवक की जान बचा ली. उन्होंने तुरंत नदी में छलांग लगाकर उसे सुरक्षित बाहर निकाल लिया.
होमगार्ड सैनिक ईश्वर चौधरी ने बताया कि यह घटना रविवार दोपहर 2 बजे की है. इंदौर निवासी 30 वर्षीय अक्षत पिता अमित दीक्षित अपने परिवार के साथ भगवान महाकाल के दर्शन करने उज्जैन आए थे. दोपहर में वे रामघाट पहुंचे और आरती स्थल के पास स्नान करने लगे. हाल ही में हुई बारिश के कारण शिप्रा नदी का जलस्तर बढ़ा हुआ था, और इसी दौरान अक्षत गहरे पानी में चले गए और डूबने लगे.
अक्षत को डूबता देख वहां मौजूद एसडीईआरएफ जवान बने सिंह, राहुल मंडलोई और तैराक नाना कहार ने बिना देर किए नदी में छलांग लगा दी. कुछ ही देर में उन्होंने अक्षत दीक्षित को सुरक्षित बाहर निकाल लिया और उनके परिजनों को सौंप दिया. अक्षत ने भी अपनी जान बचाने वाले जवानों और तैराक का आभार व्यक्त किया.
हाल ही में हुई थी दुखद घटना
गौरतलब है कि 25 जून को भोपाल के इमलिया निवासी समीर पिता हरिओम मीणा अपने 6 दोस्तों के साथ महाकाल दर्शन के लिए उज्जैन आए थे. सभी दोस्त सिद्ध आश्रम घाट पर नहाने गए थे, जहां समीर गहरे पानी में चला गया और डूब गया था. दोस्तों के शोर मचाने पर मां शिप्रा तैराक दल के तैराक और होमगार्ड जवान नदी में कूदे और करीब आधे घंटे की मशक्कत के बाद समीर को बाहर निकाला, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी. यह घटना शिप्रा नदी में सावधानी बरतने के महत्व को एक बार फिर रेखांकित करती है.