धार, अग्निपथ। धार शहर में लोगों की सुविधा के लिए सरकार द्वारा मंजूर किए गए कई शासकीय भवन और महत्वपूर्ण परियोजनाएं अधूरी पड़ी हैं। चाहे सामुदायिक भवन हो, कार्यालय हो, या फिर आधुनिक बस स्टैंड, कागजों पर ये परियोजनाएं स्वीकृत हुईं और शुरुआत में धरातल पर थोड़ा बहुत काम भी हुआ। लेकिन बाद में किसी न किसी कारण से काम रुक गया और अब ये प्रोजेक्ट वर्षों से आधे-अधूरे ही पड़े हुए हैं। इसका दुखद परिणाम यह हुआ है कि जिन भवनों से नागरिकों को सुविधा मिलनी थी, वे अब रात होते ही शराबियों का अड्डा बन गए हैं।
हालांकि कोतवाली पुलिस द्वारा मोहल्ला बैठक के माध्यम से नशामुक्ति के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है, जिससे काफी हद तक नियंत्रण भी पाया गया है। फिर भी, कुछ असामाजिक तत्व बाज नहीं आ रहे हैं। धार शहर में कई सरकारी प्रोजेक्ट लापरवाही के चलते पूरे नहीं हो पाए हैं। अब इन भवनों में रात के समय शराब की बोतलें, सिगरेट के पैकेट, गुटखे के पाउच और अन्य नशे की चीजें बिखरी रहती हैं। स्थानीय लोग इस स्थिति से त्रस्त हैं, लेकिन किसी भी विभाग ने अभी तक इन पर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया है।
इंदौर नाका संजीवनी क्लिनिक: नीचे इलाज, ऊपर शराबियों का डेरा
इंदौर नाका पर स्थित संजीवनी क्लिनिक में दिन के समय मरीज इलाज के लिए आते हैं। लेकिन इसी भवन का ऊपरी हिस्सा, जिसका निर्माण अधूरा छोड़ दिया गया है, अब रात होते ही असामाजिक तत्वों का ठिकाना बन जाता है। यहाँ बैठकर ये लोग शराब पीते हैं।
यह स्थिति मरीजों और आम लोगों के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि देर रात तक महाराजा भोज उद्यान में लोगों का आना-जाना लगा रहता है। संजीवनी क्लिनिक के ऊपर वाले अधूरे भवन में शराबियों की हलचल के कारण रात में लोग अब उस रास्ते से निकलने में कतराने लगे हैं।
दो साल बाद भी अधूरा आधुनिक बस स्टैंड
धार शहर का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट माना जाने वाला आधुनिक बस स्टैंड का कार्य दो वर्ष बीत जाने के बाद भी पूर्ण नहीं हो पाया है। यहाँ प्रतीक्षालय बनाया जाना है, जिसके लिए कॉलम और दीवारें खड़ी कर दी गई हैं तथा प्रथम माले की छत भी भर दी गई है। इस तरह आधा-अधूरा खड़ा किया गया यह भवन, जिसे कब का बनकर तैयार हो जाना था, अब रात के समय में असामाजिक तत्वों का डेरा बन चुका है। यहाँ शराब पीकर बोतलें फेंक दी जाती हैं। बड़ी बात यह है कि यहाँ देखभाल के लिए चौकीदार भी मौजूद है, इसके बावजूद कोई नियंत्रण नहीं है।
लालबाग का सामुदायिक भवन खंडहर बना, बना शराबियों का ठिकाना
वर्ष 2016 में नगर पालिका ने लालबाग के पिकनिक स्पॉट पर एक सामुदायिक भवन बनाने का निर्णय लिया था। इसके लिए 45 लाख 65 हजार रुपये स्वीकृत हुए थे। यह भवन मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए विवाह और अन्य कार्यक्रमों के लिए एक किफायती विकल्प बनने वाला था। लेकिन पिछले पाँच साल से इसका काम अधूरा पड़ा है। अब यह पूरा भवन खंडहर की तरह नजर आता है और रात में शराबियों का ठिकाना बन चुका है।
एसपीडीए ग्राउंड का भवन भी बदहाली का शिकार
एसपीडीए ग्राउंड में स्थित भवन भी इसी तरह जर्जर स्थिति में पहुँच चुका है। मरम्मत न होने और उपयोग न किए जाने के कारण इसकी हालत लगातार बिगड़ रही है। रात में यहाँ भी शराब पीने वालों का जमावड़ा लगता है। इन सभी अधूरे और जर्जर भवनों की स्थिति शहर की सरकारी बदहाली को साफ दर्शाती है।
वर्जन
नगर पालिका, धार के सीएमओ वीके सिंह ने इस विषय पर कहा कि, शहर के जिन भवनों का काम अधूरा है, उनके निर्माण से जुड़े कुछ प्रशासनिक और तकनीकी कारणों के चलते काम रुका हुआ है। वर्तमान में एसआईआर का कार्य चल रहा है, जिसमें इंजीनियर व्यस्त हैं। इन प्रोजेक्ट्स की समीक्षा फिर से की जाएगी और जहाँ काम अटका है, वहाँ जल्द ही प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि नपा के शासकीय अधूरे भवन में यदि शराबी बैठकर शराब पीते हैं, तो नपा पुलिस से समन्वय कर सुरक्षा और निगरानी बढ़ाने के उपाय करने का प्रयास करेगा। इन भवनों को जल्द से जल्द उपयोग में लाने की कोशिश की जाएगी, ताकि शहर के लोगों को सुविधा मिल सके और ऐसी गतिविधियाँ बंद हों।
