निरंजनी अखाड़े में अखाड़ा परिषद की बैठक, कलेक्टर को मौके पर बुलाया
उज्जैन, अग्निपथ। उज्जैन में सिंहस्थ के मुलभूत सुविधाओं से जुड़े जरूरी काम ही अब तक शुरू नहीं हो पाए तो बड़े काम कब होंगे। यह कहना है 13 ही अखाड़ों से जुड़े स्थानीय साधु-संतों का। शनिवार को इसी विषय को लेकर स्थानीय अखाड़ा परिषद ने बडऩगर रोड पर स्थित निरंजनी अखाड़े में एकत्रित होकर बैठक की व शासन-प्रशासन पर नाराजगी जताई।
साधु-संतों का कहना है कि सिंहस्थ 2028 को कम समय बचा है और मेला क्षेत्र में सडक़, ड्रेनेज और बिजली संबंधी कार्य की शुरुआत ही नहीं हो पाई है। इस बार के सिंहस्थ में शासन को 30 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। ऐसे में पुराने अधूरे पड़े काम कब पूरे होंगे तो नए काम कब शुरू होंगे।
संतों का यह भी कहना है कि लैंड पुलिंग योजना को लेकर प्रशासन ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि किसानों के लिखित सहमति बगैर कोई जमीन अधिग्रहित नहीं करेंगे। ऐसे में अब भूमि स्वामी को शासन-प्रशासन की मदद करना चाहिए क्योंकि यह आयोजन हम सब का है। किसानों की आड़ में जो लोग राजनीति कर रहे हैं वह इसे बंद करें एवं करोड़ों श्रद्धालुओं की भावनाओं से ना खेलें।
संत बोले निर्माण में बाधा न बने नहीं तो सभी को परेशानी आएगी
संतों ने कृषकों से अपील कर कहा कि किसी भी संगठन विशेष के बहकावे में ना आए और भ्रांतियां से दूर रहकर कुंभ मेला में अपनी सकारात्मक भूमिका निभाए। यदि मेला क्षेत्र में काम समय से पूर्ण नहीं हो पाए तो साधु-संतों के साथ करोड़ों आम श्रद्धालुओं को भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। बैठक के बाद संतों ने कलेक्टर रोशन कुमार सिंह चर्चा के लिए मौके पर बुलाया व मेला क्षेत्र में स्थाई निर्माण जल्द शुरू करने की मांग का पत्र सौंपा।
बैठक में ये अखाड़ों से ये साधु संत प्रमुख रूप से शामिल हुए
बैठक की अध्क्षता अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत डॉ. रामेश्वर दास महाराज ने की। इय अवसर पर पंच दशनाम जूना अखाड़ा के अंतर्राष्ट्रीय सचिव मंहत रामेश्वर गिरि, दत्त अखाड़े से महंत आनंद पुरी, दिगंबर अखाड़े के महंत रामचंद्र दास, निर्वाणी अखाड़े के महंत दिग्विजय दास, निर्मोही अखाड़े के महंत महेश दास, महंत भगवान दास महाराज, दिग्विजय दास बड़ा राम मंदिर, अटल अखाड़े के महंत प्रेम गिरि, महानिर्वाणी अखाड़ा के महंत मुकुंदपुरी, आनंद अखाड़ा के महंत समुद्र गिरि, निरंजनी अखाड़ा के महंत सुरेशआनंद पुरी, निर्मल आखड़ा सरपंच महाराज, अग्नि अखाड़े के महंत कृष्णानंद ब्रह्मचारी, आव्हान अखाड़े के महंत सेवान्दन गिरि, भर्तृहरि गुफा के प्रतिनिधि महंत महावीर नाथ, महंत विशाल दास, देव गिरि सहित बड़ी संख्या में साधु-संत मौजूद थे।
