सिलारखेड़ी-सेवरखेडी डेम और हरियाखेडी ट्रीटमेंट प्लांट से होगी आपूर्ति, 13 लाख की जनसंख्या और 2040 तक के लिए पेयजल आपूर्ति का प्लान
उज्जैन, अग्निपथ। शासन-प्रशासन द्वारा उज्जैन शहर में प्रतिदिन जलप्रदाय की व्यवस्था की जा रही है। सिंहस्थ 2028 के पहले गर्मी के दिनों में एक दिन छोडकऱ पानी की मजबूरी खत्म हो जाएगी। इसके लिए सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी डेम और हरियाखेड़ी में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की स्वीकृति मिल चुकी है। शीघ्र ही इसके टेंडर होने के बाद वर्कऑर्डर जारी हो जाएंगे।
प्रशासन का दावा है कि सिंहस्थ 2028 से पहले शहर को न सिर्फ रोजाना पानी मिलेगा, बल्कि गंदे पानी की समस्या से भी निजात मिल जाएगी। इसके लिए शहर की गलियों में बिछी 45 साल पुरानी पानी सप्लाई की पाइप लाइन बदलने की भी तैयारी प्रशासन ने की है। यह भी कहा जा सकता है कि 45 साल पुरानी इस पाइप लाइन से शहर की प्यास बुझाना अब मुश्किल हो चला है क्योंकि शहर की जनसंख्या और विस्तार दोगुना हो चुका है। आगामी 15-20 सालों में शहर और ज्यादा बढेगा।पुरानी पाइप लाइन और मोटर पंपों को बदलने की योजना तैयार हो चुकी है जल्द ही इसके टेंडर होने जा रहे हैं।
आगामी 12 सालों के हिसाब से तैयार की योजना
शहर की वर्तमान जनसंख्या करीब 8 लाख है। जब शहर की जनसंख्या 3 से 4 लाख थी तब गंभीर डेम का निर्माण हुआ था। जनसंख्या दोगुनी हो चुकी है। आगामी 15 से 20 सालों में जनसंख्या और विस्तार दुगनी रफ्तार से बढेगा। प्रशासन का अनुमान है कि साल 2040 तक शहर की जनसंख्या 13 लाख हो जाएगी। इसी के मान से यह योजना बनाई गई है।हरियाखेड़ी का प्लांट की क्षमता 100 एमएलडी की है। यह 5 लाख की जनसंख्या को पानी की आपूर्ति कर सकेगा। इस योजना के मूर्त रूप लेने के बाद शहर को 24 घंटे भी पानी दिया जा सकता है। गर्मी के दिनों में भी एक दिन छोडकर पानी देने की नौबत नहीं आएगी।
शहर की वर्तमान पेयजल व्यवस्था गंभीर डेम पर निर्भर
वर्तमान में शहर की जनसंख्या करीब 7.5 लाख है। यह पूरी आबादी पानी की आपूर्ति के लिए गंभीर डेम पर निर्भर है। गंभीर डेम की क्षमता 2250 एमसीएफटी है। शहर को एक दिन में करीब 9 एमसीएफटी पानी की खपत होती है। गंभीर डेम बारिश में पूरी क्षमता से भर जाता है लेकिन गर्मी शुरू होने पर यह पानी शहर की प्यास बुझाने के लिए कुछ सालों से कम पडऩे लगा है।
इस वजह से इन दिनों एक दिन छोडकऱ जल प्रदाय किया जाता है। पेयजल समस्या को दूर करने के लिए लंबे समय से सेवरखेड़ी में नया स्टॉपडेम बनाने पर विचार किया जा रहा था जो अब जाकर सार्थक हुआ है।
हरियाखेड़ी ट्रीटमेंट प्लांट को स्वीकृति मिल चुकी है। सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी में भी स्टॉपडेम बनाए जाएंगे। शहर को प्रतिदिन जलप्रदाय की व्यवस्था की जाएगी।
-रोशन कुमार सिंह, कलेक्टर