नियुक्ति को बताया अवैध, 3 माह में उज्जैन कलेक्टर से मांगा जवाब
उज्जैन, अग्निपथ। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पुरोहित और मंदिर समिति के 306 कर्मचारी की नियुक्ति को हाईकोर्ट इंदौर में लगाई गई याचिका में अवैध बताया है। याचिकाकर्ता सारिका गुरु ने कर्मचारियों के साथ-साथ मंदिर में पूजन पाठ कर रहे पुजारी पुरोहित की नियुक्ति पर सवाल उठाया है।
सारिका ने कहा कि मंदिर में 300 से अधिक कर्मचारी की नियुक्ति एवं मंदिर परिसर के 40 मंदिरों में नियुक्त पुजारी पुरोहित की नियुक्ति अवैध है। मंदिर समिति ने न तो किसी अखबार में विज्ञप्ति निकाली। न ही कोई टेस्ट लिया। समिति ने बिना किसी आधार पर नियुक्ति की है। फ्रीगंज क्षेत्र निवासी सारिका गुरु ने 16 जून 2025 को इंदौर हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। उसके बाद हाईकोर्ट ने 1 सितंबर को हुई सुनवाई में उज्जैन कलेक्टर से 3 माह में जवाब मांगा है।
उसके पहले उन्होने मंदिर समिति से आरटीआई में पुजारी पुरोहित और कर्मचारियों की नियुक्ति के संबध में दस्तावेज मांगे थे। जिसमें पूछा था कि मंदिर परिसर के 40 मंदिरों में पुरोहित पुजारी और मंदिर में 300 से अधिक कर्मचारियों की नियुक्ति किस आधार पर की गई। इसके लिए क्या मापदंड तय किए गए। किस अखबार में विज्ञप्ति निकाली गई। लेकिन, मंदिर समिति ने गोपनीय दस्तावेज का हवाला देकर किसी भी प्रकार के दस्तावेज देने से इंकार कर दिया। राज्य सूचना आयोग में अपील के बाद मामला हाईकोर्ट पहुंचा।
याचिका में यह भी कहा गया कि महाकाल मंदिर परिसर स्थित 19 मंदिरों में एक ही पुजारी की नियुक्ति की है। यह अवैध है। आखिरकार कैसे एक ही पुजारी 19 मंदिरों का कामकाज देख सकता है।
