14 अक्टूबर को ट्रैक्टर रैली निकालकर सरकार को ज्ञापन देंगे किसान, सोयाबीन की समर्थन मूल्य पर खरीदी मुख्य मांग

बदनावर, अग्निपथ। बदनावर तहसील के किसान सोयाबीन की समर्थन मूल्य पर खरीदी सहित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर मंगलवार, 14 अक्टूबर को ट्रैक्टर वाहन रैली के रूप में सरकार को ज्ञापन देंगे। गुरुवार देर शाम कानवन में हुई किसानों की बैठक में यह निर्णय लिया गया।

बैठक में सैकड़ों किसानों ने भाग लिया और हनुमान चालीसा का पाठ कर रैली की सफलता के लिए बल के देवता हनुमान जी का स्मरण किया। किसान नेता अशोक पटेल बिडवाल ने ट्रैक्टर रैली की रूपरेखा प्रस्तुत की। उपस्थित किसानों के सुझावों पर यह तय हुआ कि ज्ञापन में मुख्य रूप से निम्नलिखित माँगें शामिल की जाएँगी:

  • भावांतर योजना की जगह समर्थन मूल्य पर सोयाबीन की खरीदी की जाए।
  • सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से रासायनिक खाद की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित हो।
  • कृषि उपज मंडी परिसर में ही विक्रय उपज का भुगतान किया जाए।
  • खड़ी फसल को घोड़ा रोज़ द्वारा पहुँचाए जा रहे नुकसान का उचित निराकरण हो।
  • रबी फसल के लिए खराब ट्रांसफार्मरों को तत्काल और सुगमता से बदला जाए।

केवल सिंह चावड़ा पलवाड़ा, दिलीप सिंह चावड़ा सेमलिया, मनोज पाटीदार रतनपुरा, गोवर्धन सिंह डोडिया, हितेंद्र राजपुरोहित, रंजीत पाटीदार गाजनोद, असलम पटेल अंतराय, और जगदीश जागीरदार सेमलिया जैसे किसान वक्ताओं ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर इस रैली को सफल बनाने का आह्वान किया।

‘पहले हम किसान हैं, उसके बाद किसी दल के सदस्य’

किसानों को जाग्रत करते हुए वक्ताओं ने अपनी प्रभावी बातें रखीं। रंजीत पाटीदार ने 1984 के दुग्ध आंदोलन की सफलता का उदाहरण देते हुए कहा कि आज किसान निष्क्रिय है, जिसका फायदा उठाकर 80 प्रतिशत किसानों पर 20 प्रतिशत वर्ग मनमानी और शोषण कर रहा है। हितेंद्र राजपुरोहित ने ज़ोर देकर कहा, “पहले हम किसान हैं, उसके बाद किसी राजनीतिक दल के सदस्य हैं। हमारा अस्तित्व ही ख़त्म हो जाएगा तो ऐसी राजनीति का कोई औचित्य नहीं है। मंडी में व्यापारी किसानों का शोषण कर रहे हैं, सरकार हमारी उपज का उचित मूल्य दे।”

असलम पटेल ने समर्थन मूल्य तय होने के बावजूद जटिल प्रक्रियाओं से किसानों को होने वाली परेशानी पर सवाल उठाया और सरकार से घोषणानुसार खरीदी करने को कहा। जगदीश जागीरदार ने स्पष्ट किया कि यह विरोध किसी पार्टी का नहीं, बल्कि व्यवस्था का है। उन्होंने कहा, “यदि किसानों को लागत मूल्य भी नहीं मिल रहा है तो मजबूरी में उन्हें आंदोलन की राह चलना पड़ रहा है। अब यह सिलसिला केवल ज्ञापन तक नहीं रुकेगा, इसे चरणबद्ध तरीके से आंदोलन का रूप दिया जाएगा।”

इस रैली के लिए बदनावर तहसील के समूचे क्षेत्र से 500 ट्रैक्टर जुटाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए किसानों ने व्यापक स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है। किसान आंदोलन को सफल बनाने के लिए उपस्थित अनेक किसानों ने स्वेच्छा से सहयोग राशि भी भेंट की। कार्यक्रम का संचालन केवल सिंह चावड़ा ने किया और सन्नी बाबा ने आभार व्यक्त किया।

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