उज्जैन, अग्निपथ। मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना के चौथे चरण के तहत, वार्ड 04 में हरिओम तोलकांटा से क्षीरसागर स्कूल कानीपुरा रोड तक 28 लाख रुपए की लागत से बनी सड़क 28 दिन के भीतर ही उखड़ गई। अब इसी सड़क का दोबारा निर्माण किया जा रहा है, और खास बात यह है कि यह काम वही कंपनी ‘जिंदल’ कर रही है जिसने पहली बार में निम्न गुणवत्ता का काम किया था।
जांच रिपोर्ट में कंपनी और अधिकारी दोषी पाए गए
मामले की गंभीरता को देखते हुए नगर निगम आयुक्त अभिलाष मिश्रा ने तत्काल जांच के निर्देश दिए थे। अपर आयुक्त ने एक जांच समिति का गठन किया, जिसमें कार्यपालन यंत्री पी.सी. यादव, सहायक आयुक्त प्रफुल्ल कुमार गठरे, सहायक यंत्री मनोज राजवानी और उपयंत्री मुकुल मेश्राम को शामिल किया गया। समिति ने अपनी रिपोर्ट आयुक्त को सौंप दी है, लेकिन इसका खुलासा अभी तक नहीं हुआ है।
सूत्रों के अनुसार, जांच रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख है कि ठेका कंपनी ने खराब गुणवत्ता का काम किया था, जिसके कारण सड़क समय से पहले उखड़ गई। इसके साथ ही, निर्माण कार्य की देखरेख करने वाले अधिकारियों को भी दोषी पाया गया है। रिपोर्ट के बावजूद, उसी कंपनी को दोबारा सड़क बनाने का काम दिया गया है और पुरानी सड़क को उखाड़ने का काम भी शुरू हो चुका है।
