अर्जुन सिंह चंदेल गतांक से आगे आज दिनभर में हमें दार्जिलिंग घूमना था, अधिकृत रूप से दार्जिलिंग में छह ही पाईंट है। घनी बसाहट वाला यह शहर अँग्रेजों द्वारा बसाया हुआ है। मेची तथा तीस्ता नदी के मध्य समुद्र तल से 6982 फीट ऊँचायी पर बसे इस शहर की खोज […]

अर्जुन सिंह चंदेल गतांक से आगे दार्जिलिंग में भी मौसम खराब ही मिला, बारिश और कड़ाके की ठंड। 12 दिवसीय यात्रा के सबसे कमजोर कमरे यहीं के थे, चूँकि पहले से ही बुक थे इस कारण कुछ नहीं किया जा सकता था। ना तो रूम में सेन्ट्रल हीटर ना ही […]

अर्जुन सिंह चंदेल गतांक से आगे बर्फबारी की सूचना हमारे अरमानों पर पानी फेर सकती थी क्योंकि 14 जनवरी को हमें गंगटोक से 56 किलोमीटर दूर ‘नाथूला दर्रा’ और बाबा हरभजन सिंह का मंदिर देखने जाना था जो भारतीय सेना के द्वारा नियंत्रित किया जाता है। सिक्किम यात्रा में पर्यटकों […]

अर्जुन सिंह चंदेल गतांक से आगे बहुत खुबसूरत है हमारा सिक्किम और यहाँ के लोग। ऊपर वाले ने बहुत उदारता के साथ अपनी नेमत धरती के इस टुकड़े पर लुटा दी है। हिमालय की गोद में बसे देश के सबसे छोटे राज्य की राजधानी गंगटोक पहुँच गये थे हम। इसकी […]

अर्जुन सिंह चंदेल गतांक से आगे पारो से ‘फुंटशोलिंग’ भूटान बार्डर की दूरी लगभग 147 किलोमीटर है और समय 4 घंटे लगता है। आज का पूरा दिन यात्रा में ही जाना था, क्योंकि पारो से फुंटशोलिंग होते हुए भारत के जयगाँव में प्रवेश और फिर वहाँ से सिक्किम की राजधानी […]

अर्जुनसिंह चंदेल गतांक से आगे भूटान यात्रा और पारो में आज हमारा अंतिम दिन था तारीख थी 11 जनवरी। 6 से 11 जनवरी तक हमारी 6 रातें पूर्ण हो जानी थी 12 जनवरी को भारत लौटना था। वापसी की टिकट बागडोगरा एयरपोर्ट से इंदौर की 16 जनवरी को शाम 4:30 […]

अर्जुन सिंह चंदेल गतांक से आगे पुनाखा के सारे पाईंट हम देख चुके थे पुनाखा में आज हमारी आंखरी रात थी। शाम के 4 बज रहे थे वैसे भी आज मजा नहीं आया घूमने में, पर हमारी आज की शाम हसीन होने वाली थी। गाईड टेकराज ने बताया कि होटल […]

अर्जुन सिंह चंदेल गतांक से आगे मैंने आपको पहले ही बताया था कि टीम के एक सदस्य की तबीयत नासाज थी। फोन उसी कमरे से आया था बीमार साथी ने अस्पताल चलने की इच्छा जाहिर की और बताया कि उन्हें घबराहट हो रही है। सारे साथी उठ बैठे, तनाव में […]

अर्जुन सिंह चंदेल गतांक से आगे पुनाखा के आधे पर्यटन स्थलों को देख चुके थे आज की यात्रा को विराम देकर हमें होटल में चेक इन करना था घड़ी शाम के 4 बजा रही थी। रास्ते भर मन में विचार आता रहा था कि हमारे 140 करोड़ आबादी वाले हिंदुस्तान […]

अर्जुन सिंह चंदेल गतांक से आगे पुनाखा अभी 40 किलोमीटर दूर था और हमें आज ही यानि 8 जनवरी को ही पुनाखा ज्यादा से ज्यादा देखना था। हमारे गाईड टेकराज ने बताया कि पुनाखा में आपको सर्दी थिम्पू की तुलना में कम मिलेगी, यह सुनकर प्रसन्नता हुयी। भूटान का दूसरा […]