हवाओं ने बिगाड़ा मध्यप्रदेश का सिस्टम, एक सप्ताह और सूखा रहेगा

राजस्थान, गुजरात के रास्ते हरियाणा और उत्तर प्रदेश चले गए बादल

उज्जैन। मध्य प्रदेश में तय समय से चार दिन पहले 10 जून को मानसून ने दस्तक दे दी थी। दावा किया कि 20 जून तक यह पूरे प्रदेश को तरबतर कर देगा। जून खत्म होने जा रहा है। इसके बावजूद उज्जैन सहित मालवा-निमाड़ मायूस है। इस बार सबसे ज्यादा तरबतर सिंगरौली हुआ। सबसे कम बारिश मुरैना में हुई। उज्जैन सहित मालवा निमाड़ के पांच जिलों में जून की सामान्य औसत बारिश भी नहीं हुई है।

मौसम विभाग के मुताबिक मानसून ने 10 जून को मध्य प्रदेश में बैतूल, मंडला, छिंदवाड़ा, सिवनी और बालाघाट होते हुए दस्तक दी थी। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी दोनों में सिस्टम एक्टिव होने से उस दौरान मानसून के आगमन में उज्जैन, इंदौर, होशंगाबाद और जबलपुर संभाग भी शामिल था।

इस बार अरब सागर में मजबूत सिस्टम बना, लेकिन हवा की गति दक्षिण-पश्चिम होने से यह मध्यप्रदेश की ओर न बढक़र राजस्थान, गुजरात के रास्ते हरियाणा और यूपी की ओर शिफ्ट हो गया। अभी दक्षिण-पश्चिम हवाओं की रफ्तार मानसून के अनुकूल नहीं है। इस कारण छोटे-छोटे टुकड़ों में कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है और वहीं तक सीमित है। इसी कारण एक साथ बड़े क्षेत्रों में बारिश नहीं हो रही है।

अभी सिर्फ रिमझिम

मौसम विभाग के मुताबिक अभी बारिश के आसार दो सप्ताह तक तो नजर नहीं आ रहे हैं। एक सिस्टम जरूर अंडमान निकोबार में सक्रिय हुआ है। उस सिस्टम से यहां तक बारिश का आना संभव नहीं लग रहा है। जुलाई का पहला सप्ताह तो ऐसे ही जाने का अनुमान है। हां, बीच-बीच में रिमझिम बारिश कहीं-कहीं होती रहेगी।

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