प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा विभिन्न जिलों के प्रभारी मंत्री की घोषणा कर दी गई है। ऐसा लग रहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज मन पर भारी पत्थर रखकर यह घोषणा की है। इस घोषणा के साथ ही कुछ बातें बहुत स्पष्ट हो गई हैं। पहली यह की शिवराज -सिंधिया की जोड़ी जमकर एकमत होकर काम कर रही है।
दूसरी यह कि भले ही जिले में प्रभारी मंत्री रहेंगे, किंतु पूरा नियंत्रण शिवराज के हाथों में ही रहेगा। प्रभारी मंत्रियों की घोषणा उस समय की गई जब प्रदेश में ट्रांसफर नीति लागू होनी थी, जिसमें प्रभारी मंत्री की अनुशंसा आवश्यक थी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खास सिपहसलार समझे जाने वाले मंत्री भूपेंद्र सिंह को भोपाल का प्रभार दिया गया है।
वहीं सिंधिया खेमे से जुड़े हर मंत्री को भिंड, मुरैना,गुना व ग्वालियर का प्रभार सौंपा गया है। पहली बार शिवराज सिंह की कूटनीति स्पष्ट नजर आ रही है। इस बटवारे में सिर्फ और सिर्फ नरेंद्र सिंह तोमर के प्रभाव वाले क्षेत्र को नहीं छेड़ा गया है। बाकी पूरा बंटवारा बेहद शातिराना ढंग से राजनैतिक रूप से नेताओं को आपस में लड़वाने वाला हुआ है।
राजनीति के जानकार तो यह भी कह रहे हैं कि मंत्रियों के जिले के प्रभार के मामले में संगठन को दर किनार कर दिया गया है। सिर्फ और सिर्फ सिंधिया और शिवराज का कमाल काम कर रहा है।