सरकारी जमीन पर कोई प्रतिष्ठान स्थापित होना मामूली बात नहीं है। जिम्मेदारों की शह के बिना यह कदम कोई नहीं उठा सकता है। हम बात कर रहे हैं फाजलपुरा कलाली की जो इन दिनों सेंटपाल स्कूल रोड पर सरकारी जमीन के उस हिस्से पर संचालित की जा रही है, जहां पर रोड बनाया जाना प्रस्तावित है।
हिम्मत देखिए सरकारी जमीन पर कलाली स्थापित कर दी। अग्निपथ ने मनमानी की दास्तां को लगातार बयान किया और जिम्मेदारों को एक्शन लेने के लिए मजबूर कर दिया। कलेक्टर ने अब उस कलाली को वहां से हटाने के लिए सात दिन का अल्टीमेटम दे दिया है। यूं तो शराब दुकान को लगाने के कई कायदे हैं। मकान/जमीन मालिक से अनुबंध, आसपास के रहवासियों से अनापत्ति पत्र, मंदिर-स्कूल से तय मापदंडों के मुताबिक दूरी, मुख्य मार्ग व चहल-पहल वाले चौराहों से दूरी सहित कई कायदे शासन ने दुकान खोलने के बनाए है।
लेकिन शराब की दुकानों के कायदे सिर्फ कागजों में ही रह जाते हैं, और दुकानें मनमानीपूर्ण तरीक से खोल ली जाती है। पहले भी यह दुकान शासन द्वारा घोषित सरकारी जमीन (जीनिंग मिल की जमीन) पर संचालित थी। जिसकी सभी दुकानें तोड़ दी गई थी, लेकिन शराब दुकान चलती रही। कलेक्टर को अब दुकान हटाने के साथ ही दुकान किस तरह लगी, इसकी भी जांच कराना चाहिए।