उज्जैन जिले के कायथा का रहने वाला था मृतक, देवास में नौकरी करता था
देवास। प्रेमी और उसके साथी के साथ मिलकर पति की हत्या करने वाली महिला सहित तीन दोषियों को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। हत्या के बाद पत्नी ने खुद पुलिस थाने जाकर पति की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
जिला अभियोजन अधिकारी राजेंद्र खांडेगर ने बताया कि द्वितीय सत्र न्यायाधीश गंगाचरण दुबे जिला ने शनिवार को इस मामले में फैसला सुनाया। इसमें अभियुक्तगण छायाबाई पति भगवान सिंह, उसके प्रेमी लाखन पिता बहादुर औैर लाखन के साथी अकील उर्फ अक्कू को भादंवि की धारा 302, 149, 120-बी में आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही तीनों को 35000 रूपये प्रत्येक के हिसाब से अर्थदंड भी किया गया है।
जिला अभियोजन अधिकारी खाण्डेगर के मुताबिक पिछले साल 12 जून को छायाबाई पति भगवान सिंह पिता के साथ देवास के औद्योगिक क्षेत्र थाने पहुंची और पति भगवानसिंह पिता उमरावसिंह के गुम होने की शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने तफ्तीश में पता चला कि महिला ने ही पति की हत्या प्रेमी के साथ मिलकर की है। कड़ाई से पूछताछ पर महिला ने अपना जुर्म कबूल लिया।
यह है मामला
आरोपी छायाबाई ने पुलिस को बताया था कि उसकी शादी भगवान सिंह पिता उमरावसिंह निवासी सिलाखेड़ी थाना कायथा जिला उज्जैन से 2015 में हुई थी।
घटना के तीन माह पूर्व आड़ी पट्टी, मल्हार कॉलोनी देवास में पति और दो बच्चों के साथ रहने आई थी। पति भगवान करीब एक वर्ष से प्रेस्टिज कंपनी देवास में काम करता था। 11 जून 2020 को भगवान सिंह कंपनी नहीं गये थे।
रात करीब 11 बजे उसका पति से काम की बात को लेकर विवाद हो गया था। सुबह 7 बजे उठकर देखा तो भगवान सिंह कमरे में नहीं थे। छाया ने अपने पति भगवान सिंह की तलाश, आसपास व रिश्तेदारी में की, कहीं कोई पता नही चला।
बारिकी से पूछताछ पर छायाबाई ने पुलिस को बताया कि उसका लाखन से प्रेम संबंध है। इसका पता चलने पर पति आए दिन मारपीट करता था। तंग आकर प्रेमी लाखन व उसके साथी अकील उर्फ अक्कू के साथ मिलकर 11 जून की रात में इन लोगों को घर बुलाकर अपने पति भगवान सिंह की सभी ने मिलकर मारपीट कर ब्लेड, लोहे का फरशा से हत्या कर दी और लाश को बोरे में भरकर अपने प्रेमी लाखन व अकील की मदद से टी.व्ही.एस. की छोटी गाड़ी से बायपास हनुमान मंदिर की तरफ ले जाकर लाश को पेट्रोल डालकर जला दिया।
प्रेम प्रसंगों में बढ़ी हत्याओं से समाज पर बुरे प्रभाव से गंभीरता से विचार जरूरी- कोर्ट
जिला अभियोजन अधिकारी खांडेगर ने बताया कि मामले में न्यायालय के द्वारा निर्णय पारित करते समय यह टिप्पणी की है कि बीते डेढ़ दशक में प्रेम प्रसंगों के कारण होने वाली हत्याओं की दर बढ़ी है जिससे समाज पर बुरा प्रभाव पर गंभीरता से विचार आवश्यक है।