रतलाम। जिले के हतनारा गांव में रविवार को सूखी पड़ी मलेनी नदी में अचानक से बाढ़ आ गई। ऐसी घटनाएं अक्सर पहाड़ी इलाकों में होती हैं। बिन बारिश नदी में आए उफान को देखकर ग्रामीण भी चौंक गए। गांव में अफरा-तफरी मच गई। गांव के आसपास बरिश ही नहीं हुई थी, इसलिए ग्रामीणों को कुछ समझ में नहीं आया है।
इसकी वजह ऊपरी इलाकों में रविवार सुबह तेज बारिश होना है। इससे मलेनी नदी में अचानक बाढ़ आ गई। ग्रामीणों ने वाट्सऐप और मोबाइल से आगे के गांव के लोगों को भी अलर्ट कर दिया। वरना बाढ़ की वजह से बड़ा हादसा भी हो सकता था।
दरअसल, रतलाम हतनारा और नामली क्षेत्र में मौसम खुला हुआ था। मलेनी नदी के ऊपरी इलाकों के सैलाना और मचुन क्षेत्र में सुबह तेज बारिश हुई थी। इसका असर हतनारा गांव में देखने को मिला, जहां सूखी पड़ी हुई नदी में बाढ़ का पानी आना शुरू हो गया। देखते ही देखते गांव की छोटी पुलिया जलमग्न हो गई। गांव के लोगों ने बताया कि कुछ ही मिनटों में सूखी पड़ी हुई नदी पानी से लबालब हो गई और गांव में बाढ़ जैसे हालात बन गए। नदी में आई अचानक बाढ़ को देखने गांव के लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा।
नदी क्षेत्र में आने वाले गांवों को सूचना दी
मलेनी नदी में अचानक से आई इस बाढ़ की सूचना हतनारा गांव के लोगों ने मोबाइल और वाट्सऐप के माध्यम से आगे के गांव में समय रहते दे दी। इसकी वजह से नदी के किनारों पर बसे गांव के लोग अलर्ट हो गए।
फ्लैश फ्लड की घटनाएं पहाड़ी में दिखी
आमतौर पर फ्लैश फ्लड की घटना है। पहाड़ी इलाकों में देखी जाती है, जहां ऊपरी इलाकों में हुई बारिश से नदी में अचानक तूफान आ जाता है। वही रतलाम जिले के हतनारा गांव से गुजरने वाली मलेनी नदी में भी ऊपरी इलाकों में हुई बारिश से अचानक से बाढ़ आ गई। ग्रामीणों के अनुसार ऐसी घटना गांव में पहली बार हुई है जब सूखी पड़ी हुई नदी में अचानक से बाढ़ आ गई।
क्या है फ्लैश फ्लड
बिना किसी बरसात के तटबंध टूटने या मीलों दूर पहाड़ों में हुई बरसात से अचानक आई ऐसी बाढ़ को फ्लैश फ्लड या आकस्मिक बाढ़ कहा जाता है। पहाड़ी इलाकों में इसका एक और कारण होता है कि गर्मी के चलते ग्लेशियरों का पानी पहाड़ की ढलानों पर बनी झीलों में भरने लगता है और पानी के बढ़ते दबाव से तटबंध टूट जाता है और बाढ़ आ जाती है।