मशीनें बढ़ाकर जमींन समतल करने में जुटा अमला, सारे परिवार विस्थापित, मलबा शेष
उज्जैन, अग्निपथ। महाकालेश्वर मंदिर परिसर के विस्तार के लिए बेगमबाग से सटी शकैब बाग की जमीन रविवार दोपहर तक पूरी तरह से खाली करा ली गई। इस इलाके में रहने वाले 144 परिवारों को महाकालेश्वर मंदिर समिति के खाते से लगभग 7 करोड़ 50 लाख रुपए बांटे गए हंै। नगर निगम ने रविवार सुबह यहां मशीनें और अमला बढ़ाकर जमीन समतलीकरण के काम को तेज कर दिया। अगले दो दिन में यह जगह 20 साल पुरानी हालत में आ जाएगी।
शकैब बाग की 1.6 हेक्टेयर जमीन पर अब सिर्फ मलबा बिखरा हुआ है। रविवार को पूरे दिन यहां रहने वाले परिवारों के लोग मलबे के ढेर से उपयोग लायक सामान समेटते रहे। महाराजवाड़ा स्कूल के मैदान में लगे टेंट में पुलिस अधिकारी भी रिलेक्स मूंड में बैठे रहे। मशीनें अपना काम करती रही। नगर निगम ने यहां दो एस्केवेटर (पोकलेन) मशीनों व डंपर की संख्या बढ़ा दी। 200 कर्मचारियों को लगाया। इसके अलावा 200 से पुलिसकर्मी बेगमबाग तिराहे से भारत माता मंदिर तक तैनात रहे।
3 प्लॉट निकले, मकान 144
प्रशासनिक टीम ने यहां शुरुआती सर्वे के दौरान 147 मकान और प्रभावित परिवारों की संख्या 250 का आंकलन निकाला था। अंतिम तौर पर यहां केवल 144 मकान निकले हैं। तीन खाली प्लॉट थे। प्लॉट वालों को भी अनुग्रह राशि मिली या नहीं यह अभी तक किसी प्रशासनिक अधिकारी ने स्पष्ट नहीं किया है।
विरोध हुआ तो चेक थमाए
शकैब बाग में रहने वाले अधिकांश मकानों में रहने वाले परिवारों को प्रशासन द्वारा महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के खाते से 3-3 लाख रुपए अनुग्रह राशि दे शनिवार शाम तक ही दे दी गई थी। लगभग 7 परिवार ऐसे थे जिन्होंने मकान तो खाली कर दिए थे लेकिन अनुग्रह राशि नहीं मिल पाने के कारण मकान तोड़े जाने का विरोध कर रहे थे। पूर्व पार्षद रहीम लाला ने इन लोगों के बारे में एसडीएम संजीव साहू से चर्चा की। रविवार को बैंक की छुट्टी रहती है लिहाजा इन परिवारों को अनुग्रह राशि के चेक दे दिए गए और इसके तत्काल बाद इनके मकान गिरा दिए गए।