बिछडौद (चित्रांगन बोडाना)। आसमान में बादल छाते हैं बारिश का मौसम बनाते हैं और किसानों के चेहरों पर खुशी लाते हैं किंतु बिना बरसे ही यह बादल चले जाते हैं और दे जाते हैं बेबस किसानों के चेहरों पर मायूसी बादलों की बेरुखी और बारिश की लंबी खेच से किसान चिंता में हे।
किसान और आमजन आसमान की ओर इस उम्मीद से टकटकी लगाए हुए देख रहे हैं की इंद्रदेव किसानों पर मेहरबान होंगे और जल्द ही उनके खेतों में बुवाई होगी किंतु किसानों को निराशा ही हाथ लगती है ।
उल्लेखनीय है कि बिछडोड़ और आसपास के क्षेत्र के गुराडिया गुर्जर, खजूरिया सदर, सुलीया, कुमारडी, भीमपुरा, सजन खेड़ा, गढ़वाली, खेर खेड़ी आदि गांव में अब तक इंद्रदेव मेहरबान नहीं हुए हैं इस कारण क्षेत्र के करीब 20 गांव में बोवनी नहीं हो पाई है ।
कुछ संपन्न किसानों ने रिस्क लेकर 24 25 जून को हुई हल्की बारिश में बुवाई करने की हिम्मत की थी किंतु 12 दिन के बाद भी बारिश नहीं होने से जहां सो प्रतिशत अंकुरण नहीं हो पाया है वही बारिश की लंबी खींच के कारण अंकुरित हुई फसल भी अंतिम सांसे गिन रही है इस कारण किसानों के चेहरों पर मायूसी और बेबसी है किसानों की परेशानी का एक कारण यह भी है कि इस बार सोयाबीन बीज पिछले वर्ष की अपेक्षा 2 से ढाई गुना अधिक भाव में मिल रही है जिसके कारण किसानों को फसल की लागत निकलना भी मुश्किल जान पड़ रहा है
क्षेत्र के प्रगतिशील किसान मानसिंह कुमावत ने अग्निपथ से चर्चा में बताया कि उन्होंने 10:00 12 दिन पहले 20 बीघा से अधिक की सोयाबीन फसल की बुवाई कर दी थी सोयाबीन अंकुरित भी हो गई किंतु बारिश नहीं होने के कारण सोयाबीन की फसल अंतिम सांसे गिन रही है अगर जल्द ही बारिश नहीं हुई तो उनहे दोबारा बोवनी करना पड सकति है।
ग्राम चांद काकरिया के किसान श्याम सिंह गुर्जर ने बताया कि उन्होंने 10 बीघा से अधिक जमीन में सोयाबीन लगा दी थी किंतु बारिश नहीं होने के कारण उन्हें अपने खेतों में ट्रैक्टर चलाकर अपनी फसल हांकना पड़ी है जिससे उन्हें बड़ा नुकसान हुआ है अगर एक बार और बुवाई करना पड़ी तो लागत निकलना भी मुश्किल होगी।
इधर बारिश की कामना को लेकर जहां मान मन्नत ओं का दौर चल रहा है वही स्थान पंचमुखी हनुमान जी के प्रांगण में अखंड रामायण का परायण भी हो चुका है और ग्रामीण भगवान से अच्छी बारिश के लिए प्रार्थना करते हुए बारिश के लिए विभिन्न जतन कर रहे हैं।