खाचरौद। घिनोदा-जावरा रोड के रेलवे क्रॉसिंग पर 10 करोड़ की लागत से बन रहे रेलवे ओवरब्रिज का काम अधूरा छोडक़र ठेकेदार गायब हो गया है। इस कारण हो रही परेशानी से लोगों में नाराजगी है।
दिल्ली- मुंबई रेलमार्ग पर खाचरौद स्टेशन के समीप रेलवे क्रॉसिंग संख्या- 98 पर मप्र सेतु निगम द्वारा निर्माणाधीन ओरवब्रिज का कार्य लगभग तीन महीने से पुरी तरह से ठप्प पडा हुआ है। वहीं रेलवे विभाग भी अपने हिस्से का काम कछुए गति से कर रहा है जिसके चलते इसका निर्माण अधर में लटक गया है। जिसके कारण आम जनता को इस रेलवे फाटक पर बार-बार यातायात जाम लगने की समस्या से मुक्ति नहीं मिल पा रही है।
वहीं दूसरी ओर निर्माणाधीन ब्रिज के दोनों तरफ सर्विस रोड कच्ची तथा उबड़-खाबड़ होने से वाहन चालकों तथा आसपास के रहवासियों को भी धुल-मिट्टी के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
लोगों की इस समस्या के संबंध में खाचरौद नगर पालिका के पूर्व नेता प्रतिपक्ष राधेश्याम बम्बोरिया ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और लोकनिर्माण मंत्री गोपाल भार्गव को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में बताया कि बताया ब्रिज का वर्क आर्डर हुए दो वर्ष बीत जाने के बाद भी इसका निर्माण कार्य अभी तक गति नहीं पकड़ सका।
बम्बोरिया ने पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री और पीडब्लूडी मंत्री से मप्र सेतु निगम के अधिकारियों को खाचरौद क्षेत्र की जनता की सुविधा के लिए इस ओवरब्रिज का निर्माण शीघ्र पुरा करने का निर्देश देने का आग्रह किया है।
इसलिए बन रहा ओवरब्रिज
दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग पर ट्रेनों की काफी आवाजाही रहती है। ऐसे में खाचरौद स्टेशन के पास घिनोदा-जावरा रोड के रेलवे क्रॉसिंग पर फाटक काफी देर तक बंद रहता है। जिसके कारण कई वर्षों से दिन में कई बार ट्रैफिक जाम का दंश क्षेत्र की जनता झेलना पड़ता था।
इस समस्या से जनप्रतिनिधियों द्वारा अवगत कराने के बाद प्रदेश शासन व रेलवे ने करीब 10 करोड़ की लागत से बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज को मंजूरी दी थी। परन्तु इसका निर्माण कार्य शुरु से ही कछुआ चाल से चल रहा था। अब लगभग तीन महीने से तो इसका निर्माण कार्य पूरी तरह से ठप्प है। संबंधित ठेकेदार अपने सारे संसाधन समेट कर यहां से चंपत हो गया है।