नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश सिया वक़्फ़ बोर्ड के पूर्व चैयरमैन वसीम रिजवी ने सुप्रीम कोर्ट से उस आवेदन को वापस ले लिया है, जिसमें उन्होंने कुरान से 26 आयतों को हटाने की मांग वाली याचिका पर लगाए गए 50 हजार रुपए के जुर्माने को माफ करने की गुहार लगाई थी। रिजवी ने कहा कि उन्होंने पुनर्विचार याचिका दायर की है।
गौरतलब है कि अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष सैयद वसीम रिजवी की याचिका को खारिज कर दिया था। शीर्ष अदालत में दायर याचिका में देश के कानूनों का उल्लंघन करने और कथित तौर पर उग्रवाद और आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए कुरान के 26 आयातों को हटाने की मांग की गई थी। न्यायमूर्ति रोहिंटन फली नरीमन की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की एक पीठ ने उसके समक्ष तुच्छ याचिका दायर करने और उच्चतम न्यायालय के कीमती समय का दुरुपयोग करने के लिए उन पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया था।
रिजवी का कहना था कि कुरान की 26 आयत आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली हैं, इसलिए इसे पवित्र कुरान से हटाया जाना चाहिए। उनका कहना है कि इन आयतों में गैर मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा और उनकी हत्या के लिए प्रेरित करने वाली बातें हैं। मदरसों में इनकी शिक्षा दी जाती है, लिहाजा इन पर रोक लगनी चाहिए।
इन 26 आयतों की इन दिनों गलत तरीके से व्याख्या की जा रही है। इनका हवाला देकर इंसानियत के मूल सिद्धांतों की अवहेलना और धर्म के नाम पर घृणा व नफरत फैलाई जा रही है। खून खराबा हो रहा है। इससे देश की एकता व अखंडता पर खतरा है। रिजवी ने अपनी पुनर्विचार याचिका में कहा है कि जब से उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है तब से उन्हें जान से मारने की धमकी दी जा रही है।