इंदौर। कोरोना टीकाकरण अभियान को लेकर कई तरह की गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। सोमवार को एक ऐसा ही मामला सामने आया जब तीन लोगों को टीकाकरण केंद्र से यह कहकर लौटाया गया कि वैक्सीन खत्म हो गई है। वे बिना वैक्सीन लगवाए घर पहुंचे तो मोबाइल पर आए मैसेज को देखकर दंग रह गए। मैसेज में लिखा था कि आपको वैक्सीन की दूसरी डोज लग चुकी है। अब वे परेशान हैं कि पोर्टल में दोनों डोज लगने का अपडेट हो गया है, लेकिन उन्हें तो पहला ही डोज लगा है। दूसरे डोज का क्या होगा? पूरे मामले में अधिकारी जांच करवाने की बात कह रहे हैं। इसी प्रकार का एक मामला 1 जुलाई को श्याम नगर में भी आया था।
रानीपुरा निवासी ताहिरा बी, तसनीम और अकबर अली सोमवार को हुकुमचंद पॉलिक्लिनिक सेकेंड डोज लगवाने पहुंचे थे। रात को उन्होंने ऑनलाइन स्लॉट बुक करवाया था। उन्होंने 11 से 1 बजे का समय सलेक्ट किया था। जब वे समय पर पहुंचे तो पाया कि टीकाकरण वाले रूम का गेट बंद हो चुका है और वे कह रहे हैं कि वैक्सीन खत्म हो चुकी है। यह सुन कर वे बिना वैक्सीन लगवाए ही घर आ गए। घर पहुंचे ही थे कि मोबाइल पर मैसेज आ गया कि आपको वैक्सीन का दूसरा डोज लग गया है। यह देख वे चौंक गए। उनकी परेशानी की वजह यह कि उन्हें दूसरा डोज लगा ही नहीं है, जबकि कोविन-पोर्टल पर दोनों के वैक्सीनेशन कंप्लीट का सर्टिफिकेट दिख रहा है। मोबाइल पर मैसेज भी आ गया। अधिकारियों का कहना है कि ऐसा होना नहीं चाहिए। इसकी जांच करवाते हैं कि ऐसा किस कारण हुआ है।
1 जुलाई को लक्ष्मीकांत के साथ भी ऐसा ही हुआ था
श्याम नगर एनेक्स में रहने वाले लक्ष्मीकांत गुप्ता ने बताया था कि उन्हें और पत्नी रुक्मणि गुप्ता को पहला डोज लग चुका था। दूसरे डोज के लिए उन्होंने 30 जून की रात को अपना और पत्नी का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया था। उन्होंने 1 जुलाई को वैक्सीनेशन के लिए 11 से 1 बजे का स्लाॅट बुक करवाया था। सुबह 8 बजकर 32 मिनट पर उनके साथ उनकी पत्नी के माेबाइल पर एक मैसेज आया। मैसेज में लिखा था कि आपको वैक्सीन का दूसरा डोज सक्सेसफुल हो गया है। यह देख वे टेंशन में आ गए। वे तत्काल पत्नी को लेकर बापट चौराहे पर स्थित श्यामा प्रसाद मुखर्जी टीकाकरण केंद्र पर पहुंचे और वहां मौजूद स्वास्थ्यकर्मियों को इसकी मैसेज दिखाया।
मैसेज देख स्टॉफ तत्काल उन्हें विंडो पर ले गए। वहां पर उनका और पत्नी का नाम, उम्र, मोबाइल नंबर पर्ची पर लिखकर उन्हें वैक्सीन लगाया। लक्ष्मीकांत गुप्ता का कहना था कि मैसेज देख उन्होंने इस बात की टेंशन हो गई कि यदि वे किसी कारणवश वैक्सीनेशन सेंटर नहीं पहुंचते तो उनका नाम तो दूसरे डोज लगने के रिकार्ड में शामिल हो चुका था। ऐसे में उनके दूसरे डोज का क्या होता। जब टीकाकरण केंद्रों के 9 बजे खुलने का समय है तो फिर साढ़े 8 बजे कैसे वैक्सीन लग गई, हालांकि इस पूरे मामले में अधिकारियों का कहना है कि रजिस्ट्रेशन के बाद यह शेड्यूल में आ जाता है। इसके बाद शेड्यूलिंग करने वाले ने उसे वैरिफाई कर दिया होगा। यह कैसे हुए, इसे देखकर ही बता पाएंगे।
38 हजार 570 लोगों को लगा वैक्सीन का दूसरा डोज
काेरोना टीकाकरण अभियान के तहत साेमवार काे 149 सत्र आयोजित किए गए, जिसमें वैक्सीन का दूसरा डाेज लगाया गया। दिनभर में 38 हजार 570 लाेगाें काे दूसरा बूस्टर डाेज लगाया गया। मंगलवार काे काेविड टीकाकरण नहीं किया जा रहा है। बुधवार काे भी सिर्फ वैक्सीन का दूसरा डोज ही लगाया जाएगा। जानकारी के अनुसार, सबसे ज्यादा 45 साल से 60 साल की उम्र के 25 हजार 821 लोगाें को वैक्सीन का दूसरा डोज लगा। इसके अलावा 97 लोगों को पहला डोज भी लगाया गया।
इंदौर में 75% को पहला डोज, जबकि 3-4% को ही दूसरा डोज
वहीं, 60 साल से अधिक उम्र के 48 लोगों को भी टीके का पहला डोज लगा। इसी उम्र के 10 हजार 96 लोगों को दूसरा डोज भी लगाया गया। दरअसल 75% से ज्यादा लोगों को पहला डोज लग चुका है, लेकिन दूसरा डोज अब तक मात्र 3 से 4% लोगों ने ही लगवाया है, इसलिए टीके के बूस्टर डोज पर जोर दिया जा रहा है। इसीलिए दो दिन सिर्फ सेकेंड डोज ही टीकाकरण केंद्रों पर लग रहा है।
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, 20 हजार कोवैक्सिन के डोज स्टॉक में उपलब्ध हैं। राज्य सरकार से कोवीशील्ड का आवंटन भी मिलने वाला है। अभी तक जो निर्देश मिले हैं, उसके तहत सिर्फ सेकेंड डोज लगाना है। जिले में अब तक 25 लाख 84 हजार 839 काे वैक्सीन लग चुकी है। इसमें 21 लाख 58 हजार 669 लाेगाें काे पहला डाेज और 4 लाख 26 हजार 170 काे दूसरा डाेज लग चुका है।