कलेक्टर ने तत्काल प्रभाव से किया प्रतिबंधात्मक आदेश जारी, आम बेरिकेड्स में बैठकर करना पड़ी पूजा
उज्जैन, अग्निपथ। सोमवार को भारतीय जनता पार्टी के एक नेता का भगवान महाकाल के गर्भगृह की चौखट से दर्शन करने का फोटो वायरल हो गया। इसकी शिकायत कलेक्टर के पास पहुंची और शाम को कलेक्टर ने आदेश जारी कर तत्काल प्रभाव से किसी भी व्यक्ति का प्रवेश नंदीहाल, गर्भगृह और इसके आसपास प्रतिबंधित कर दिया। लिहाजा वरिष्ठ भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी दर्शन आम श्रद्धालुओं के दर्शन बेरिकेड में बैठकर करना पड़े।
भाजपा नेता और पूर्व प्रदेश कार्य समिति सदस्य लोकेन्द्र मेहता का सोमवार को जन्मदिन था। लिहाजा दोपहर में वह भगवान महाकाल की चौखट पर पहुंचे और इसके फोटो फेसबुक जैसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिए। इस बात की शिकायत किसी ने कलेक्टर आशीषसिंह को कर दी। लिहाजा शाम को ही कलेक्टर आशीषसिंह ने आदेश जारी कर नंदीहाल, गर्भगृह और गर्भगृह के आसपास किसी भी व्यक्ति का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया। इसके पूर्व भी उक्त जगहों के लिए आदेश जारी ुहुए थे, जिसका पालन सभी के द्वारा किया जा रहा था। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह आदेश केवल आम लोगों के लिए ही जारी किए गए थे। अन्य रसूखदार लोग आराम से भगवान महाकाल की चौखट तक पहुंच रहे थे और दर्शन का लाभ ले रहे थे। भाजपा नेता की केवल इतनी ही गलती रही कि उन्होंने अपना फोटो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।
ज्योतिरादित्य को बैठाकर दिया संदेश
जिला प्रशासन द्वारा वरिष्ठ भाजपा नेता ज्योतिरादित्य के महाकाल दर्शन के दौरान आम श्रद्धालुओं के दर्शन बेरिकेड में बैठाकर यही संदेश देने की कोशिश की गई कि खास लोगों से भी निर्देश का पालन करवाया जा रहा है। हालांकि यह फोटो वायरल होने से पहले प्रभारी मंत्री जगदीश देवड़ा भी सपरिवार महाकाल की चौखट से दर्शन कर चुके हैं। यदि यह वाकया घटित नहीं होता तो संभवत: ज्योतिरादित्य भी नंदीहाल से बैठकर दर्शन कर रहे होते।
शनिश्चरी अमावस्या पर स्नान प्रतिबंधित
कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी आशीष सिंह ने आगामी 10 जुलाई को आ रही शनिचरी अमावस्या पर्व के अवसर पर कोरोना संक्रमण की रोकथाम हेतु मध्य प्रदेश पब्लिक हेल्थ एक्ट 1949 की धारा 70 एवं दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के अधीन शक्तियों का प्रयोग करते हुए 9 जुलाई से 11 जुलाई तक शनिचरी अमावस्या के पर्व पर शनि मंदिर सहित त्रिवेणी पर श्रद्धालुओं का आवागमन, एकत्रीकरण होना , स्नान तथा शिप्रा नदी के विभिन्न घाटों पर स्नान किया जाना प्रतिबंधित कर दिया है। आदेश का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी ।