सोमवार को फ्रीगंज के दशहरा मैदान पर स्थित एटीएम पर लूट के प्रयास की घटना हुई थी। जिसमेें एक युवक ने साफ्टवेयर इंजीनियर युवती को चाकू दिखाकर लूटने का प्रयास किया था। युवती के साहस के कारण युवक वारदात को अंजाम नहीं दे पाया और पकड़ा गया।
पुलिस पूछताछ में सामने आया कि युवक आदतन बदमाश नहीं है, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण उसने अपराध की ओर रुख किया। अपराध करने की हिम्मत जुटाने के लिए उसने पहले शराब का नशा भी किया। इस घटना का जो दूसरा पक्ष है वह चिंता का विषय है। और वो है आर्थिक तंगी। लॉ
कडाउन के बाद शहर का बहुत बड़ा तबका आर्थिक रूप से परेशान है। उबरने के लिए अन्य साधन नहीं मिलने पर परेशान लोग अपराध की ओर अग्रसर हो रहे हैं। अपराध से आर्थिक तंगी दूर करना कतई उचित नहीं है लेकिन सरकार/प्रशासन को इस दिशा में प्रयास किया जाना बेहद जरूरी है।
संकट के दौर में कमाई खत्म हो गई है लेकिन बैंक किश्त, भारी भरकम बिजली बिल, हर जरूरत के सामान में बेतहाशा महंगाई विकराल रूप में सामने खड़ी है। शासन स्तर पर कोई भी राहत लॉकडाउन के बाद मिडिल क्लास को नहीं दी गई है। ऐसे ही हालत फैले तो अराजकता की स्थिति बनना तय है। परेशान व्यक्ति भरण-पोषण के लिए अपराधों से भी परहेज नहीं करेगा।