संतोष राव कदम ने रखा संस्था का पक्ष, महंतों पर मारपीट का आरोप लगाया
उज्जैन,अग्निपथ। नीलगंगा स्थित जमीन पर कब्जे का विवाद तूल पकड़ता दिख रहा है। महंत के साथ हुई मारपीट के विरोध में मंगलवार को अखाड़ा परिषद के संतों ने कलेक्टर आशीष सिंह से आरोपी संतोष कदम पर रासुका लगाने की मांग की। उन्होंने कार्रवाई का भरोसा भी दिया। दूसरी ओर कदम ने जमीन संस्था की बताते हुए उस पर कथित संतों को अतिक्रमणकर्ता बताया।
सर्वविदित है नीलगंगा स्थित सिंहस्थ पड़ाव स्थल पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के कार्यालय की जमीन को श्याम गृह निर्माण की बताते हुए सोमवार को संतोष राव कदम उर्फ बड़ा संतोष और ओम प्रकाश चौहान कब्जा करने गए थे। विरोध करने पर उन्होंने जूना अखाड़े के थानापति देवगिरी जी व चौकीदार दिलीप माली से मारपीट की थी। महंत के घायल होने पर पुलिस ने संतोष और ओम पर केस दर्ज करने के बाद छोड़ दिया था।
नतीजतन जूना अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रामेश्वर गिरी, थानापति हरिओम गिरी, आव्हान अखाड़े के थानापति सेवानंद गिरी, निरंजनी के श्रीचंद्र गिरी, आनंद के सुंदर गिरी, थानापति विद्या भारती, महंत कृष्ण गिरी, राजेश गुरु त्यागी, मौनी बाबा सहित अन्य अखाड़ों के संतों के साथ बबलू दरबार, रितेश त्रिवेदी, बबला गुरु, गोलू गुरु, पुजारी संदीप बागड़ी, राहुल कटारिया, प्रवील शास्त्री, चेतन पटेल आदि ने कलेक्टर सिंह से मुलाकात की।
उन्होंने संतोष के आपराधिक रिकार्ड का हवाला देकर उस पर रासुका लगाने की मांग की। कलेक्टर ने उन्हें आरोपी पर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया। बाद में संतों ने एडीजीपी योगेश देशमुख के नाम एआईजी को भी ज्ञापन दिया।
संस्था पदाधिकारियों पर आरोप
घटना को लेकर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष नरेंद्र गिरी महाराज ने वीडियो जारी किया घटना में स्थानीय मंत्री की भूमिका बताई तो संतों ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए। कहा जानलेवा हमले के केस में जमानतीय धारा में प्रकरण दर्ज करने से आपराधियों के हौंसले बुलंद हो रहे हैं।
वे आगे भी संतों पर हमला करेंगे। उन्होंने श्याम गृह निर्माण संस्था अध्यक्ष दिलीप खंडेलवाल, संचालक ओमप्रकाश बंसल, प्रकाशचंद्र मारू, मैनेजर दिनेश राठौर पर संतों पर हमला कराने का ठेका देने का आरोप लगाया है और अखाड़ा परिषद द्वारा कोर्ट के आदेश का पालन कर हवाला दिया।
पड़ाव स्थल पर होटल बना दी
श्याम गृह निर्माण संस्था पदाधिकारियों ने बताया कि 1964 में रजिस्टर्ड संस्था ने विवेकानंद कॉलोनी के ई सेक्टर में सर्वे 3715 व 3720 /1 स्थित पांच बीघा 13 बिस्वा जमीन का 1990 में कस्तूरी बाई माली से सौदा किया था। यहां 2-1/2 बीघा जमीन पर जूना अखाड़े के कुछ संतों ने कब्जा कर रखा है। इसके प्रकरण में कोर्ट ने स्टे दिया फिर भी निर्माण किया तो कोर्ट की अवमानना का केस भी चल रहा है।
अतिक्रमण कर्ता सिंहस्थ पड़ाव स्थल के नाम पर शेष भूमि पर कब्जे का प्रयास कर रहे हैं। जबकि असल पड़ाव स्थल रेलवे स्टेशन के सामने नीलगंगा रोड पर है जहां लग्जरी होटल बना लिया है। उन्होंने कहा कि सोमवार को संस्था का बोर्ड गिरने पर संस्था के सुरक्षा अधिकारी संतोष साथी ओम के साथ पहुंचे तो महंत देवगिरी ने साथियों के साथ उनके साथ मारपीट की, जिसकी उन्होंने नीलगंगा थाने में शिकायत की है।