कोचिंग व नौकरी के नाम पर भी लगाया चूना, पांच हजार इनाम था घोषित
उज्जैन,अग्निपथ। राज्य साइबर सेल नोएडा से ऐसे इनामी ठग को पकडक़र लाई है जो पांच साल से कई राज्यों के लिए सरदर्द बना हुआ था। ऑनलाइन सामान बेचने, कोचिंग देने और नौकरी लगवाने का झांसा देकर सैकड़ो लोगों से लाखों रुपए ठगने वाले आरोपी को टीम ने बुधवार को तीन दिन के रिमांड पर लिया है। खुद को हार्वर्ड युनिवर्सिटी से ग्रेजुएट बताने वाले इस शातिर की यहां रतलाम के कारोबारी को 19 हजार रुपए की चपत लगाने के मामले में तलाश थी।
मूल रूप से प्रतापगढ़ निवासी प्रशांत पांडे उर्फ गांधी उर्फ गुप्ता उर्फ अमित पांडे, उर्फ समीर सक्सेना का वर्ष 2016 में अंजता रोड रतलाम निवासी वीडियो शूटिंग व मिक्सिंग का काम करने वाले अनिल गुरनानी शिकार हुए। उन्होंने प्रशांत द्वारा ओएलएक्स पर 42 इंच का एलईडी टीवी 72 हजार में बेचने एड देख संपर्क किया। प्रशांत ने खुद को बड़ा कारोबारी बताकर बचे टीवी सस्ते में बेंचने का कहा।
गुरनानी ने 19 हजार 500 में सौदा होने पर रुपए उसके खाते में ट्रांसफर कर दिए। बाद में प्रशांत द्वारा मोबाइल बंद करने पर ठगी का अहसास हुआ तो उसने राज्य साइबर सेल में केस दर्ज कराया। साइबर टीम ने उसे यूपी,पंजाब व दिल्ली के कई शहरों में तलाशा। पता नहीं चलने पर 5000 रुपये इनाम घोषित किया। मंगलवार को नोएडा के गौर सिटी मॉल में होने की सूचना पर टीम ने प्रशांत को दबिश देकर पकड़ा और उसे लाकर तीन दिन के रिमांड पर ले लिया।
कॉलेज से शुरू की ठगी
प्रशांत ने ठगी की शुरुआत लखनऊ में पढ़ाई के दौरान ओएल एक्स पर पुराना मोबाइल बेचने की पोस्ट डालकर की। सौदे के बाद ई वालेट से रुपए मिलने पर भी मोबाइल नहीं दिया। ओएलएक्स द्वारा ब्लॉक करने पर एलईडी, लेपटॉप, मोबाइल व इलेक्ट्रानिक डिवाइस बेचने के लिए फर्जी पांच वेबसाइट बनाकर गुगल व फेसबुक पर एड देकर प्रमोट किया। इन साइट पर संपर्क करने वालों को शिकार बनाने लगा। नतीजतन उसके खिलाफ कई राज्यों में केस दर्ज होते रहे, लेकिन नाम, सरनेम,जगह व मोबाइल नंबर बदलते रहने के कारण वह गिरफ्त में आने से बचा रहा।
ऐश के लिए बना नटवरलाल
प्रशांत से करीब 50 सिम, निजी बैंकों के पांच एटीएम, चेकबुक, पासबुक, एपल का आई फोन, आईपेड, लेपटॉप बरामद हुए। उसके 10 खातों में 30 लाख का ट्रांजेक्शन मिला। उसने कबूला कि ऐश के लिए ठगी का रास्ता चुना। विदेशों में पढ़ाई और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन का झांसा देता था। ऑन लाइन कोचिंग और जॉब देने के लिए भी वेबसाइट बनाई। नौकरी के नाम बेरोजगारों का सीवी व रिज्युमे बनाकर विश्वास में लेकर किश्तों में रुपये लेता था। जिनके रिज्युमे तैयार करता उनसे अपनी वेबसाइट पर अच्छे रिव्यू व रेटिंग दिलवाता, जिससे यूजर रेटिंग देख महंगे कोर्स के झांसे में फंस सके।
इन्हें मिली सफलता
राज्य साइबर सेल एसपी जितेंद्रसिंह ने बताया कि आरोपी को पकडऩे में डीएसपी सृष्टि भार्गव, एसआई अमित परिहार,गोपाल अजनार, हिमांशु चौहान प्रधान आरक्षक हरेन्द्रपाल सिंह राठौर, आरक्षक कमलाकर उपाध्याय, कमल वरकडे, विजय बडोदकर, गजेन्द्र सिंह राठौर, तृप्ति लोधी, रजनी निंगवाल की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
ऐसे बचे ऑन लाइन ठगी से
- ओएलएक्स, क्वीकर आदि पर खरीददारी के लिए एडवांस पेमेंट नहीं दें।
- फेसबुक मार्केट प्लेस पर खरीददारी के लिए एडवांस पेमेंट नहीं दें।
- सोशल मीडिया पर किसी अनजान व्यक्ति की बातों पर विश्वास न करें।
- किसी की भी पेमेन्ट रिक्वेस्ट यूपीआई एप पर स्वीकार न करें।