मध्यप्रदेश के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया बुधवार को केंद्र सरकार में केबिनेट मंत्री बन गए हैं। सिंधिया परिवार का उज्जैन से गहरा नाता रहा है। रियासतकालीन दौर में सिंधिया परिवार का उज्जैन पर राज रहा है। उज्जैन में उनकी कई संपत्तियां है, जिसमें अब शासकीय कार्यालय संचालित हो रहे हैं। सिंधिया ट्रस्ट उनकी संपत्तियों की देखरेख करता है। जिनमें गोपाल मंदिर, सिंधिया धर्मशाला सहित कई भवन शामिल हैं।
सिंधिया जब तक कांग्रेस में थे, उनके काफी संख्या में समर्थक यहां मौजूद थे। जो उनसे जुड़े हर मौकों पर उन्हेें याद किया करते थे। बुधवार को इतना बड़ा मौका था। ज्योतिरादित्य सिंधिया की बरसो पुरानी मुराद पूरी हुई और उन्हे केंद्र सरकार में केबिनेट मंत्री का पद मिला। लेकिन इस खुशी के मौके पर उज्जैन शहर में उनके समर्थकों के बीच कोई उत्साह नजर नहीं आया। कहीं कोई जश्न के नजारे नहीं दिखाई दिए।
स्व. माधवराव सिंधिया भी केबिनेट मंत्री रहे हैं और उन्होंने रेलवे, दूरसंचार मंत्रालय के मुखिया की जिम्मेदारी निभाते वक्त उज्जैन को कई महत्वपूर्ण सौगातें दी हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया के मंत्री बनने के बाद शहर की उम्मीदें एक बार फिर जागी हैं। वे भी अपने पिता की तरह उज्जैन को सौगातों से नवाजेंगे और महाकाल की नगरी में विकास के एक नए युग का शुभारंभ करेंगे। सिंधिया के मंत्री बनने से शहर में खुशी का संचार तो होना ही था।