संतों के विरोध को देख प्रशासन ने कार्रवाई की
उज्जैन,अग्निपथ। अखाड़ा परिषद के कार्यालय पर कब्जे को लेकर विवाद करना गृह निर्माण संस्था को भारी पड़ गया। प्रशासन ने घटना को लेकर साधु-संतों के विरोध को देखते हुए महंत पर हमलेे के मुख्य आरोपी बड़ा संतोष पर रासुका लगा दी। नीलगंगा पुलिस ने बुधवार को उसे गिरफ्तार कर भैरवगढ़ जेल भेज दिया।
टीआई तरुण कुरील ने बताया विवेकानंद कॉलोनी निवासी संतोष कदम उर्फ बड़ा संतोष पर कोतवाली थाने में 1990 से अब तक दो दर्जन से अधिक गंभीर अपराध दर्ज हैं। 5 जुलाई दोपहर उसने साथी ओम प्रकाश चौहान के साथ सिंहस्थ पड़ाव स्थल स्थित अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद कार्यालय को श्याम गृह निर्माण संस्था की जमीन पर बना बताते हुए कब्जे का प्रयास किया था।
इस दौरान विरोध करने पर उसने जूना अखाड़ा थानापति देवगिरी महाराज और चौकीदार दिलीप माली से मारपीट कर दी थी। घटना में देवगिरी महाराज के घायल होने पर सभी अखाड़ों के महंतों ने बड़ा संतोष पर रासुका लगाने की मांग कर मंंगलवार को एडीजीपी योगेश देशमुख व कलेक्टर आशीषसिंह को ज्ञापन दिया था। संतों के आक्रोश को देख बुधवार को कलेक्टर ने संतोष पर रासुका लगा दी, जिसके चलते उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
मुद्दा बनते देख कार्रवाई
सर्वविदित है घटना के बाद पुलिस ने संतोष को मौके से हिरासत में तो लिया था, लेकिन जमानतीय धाराओं में केस दर्ज होने के कारण छोड़ दिया था। इस पर संत समाज ने अधिकारियों के समक्ष कड़ी आपत्ति जताई थी। वहीं देश भर के अखाड़ों में इसे लेकर विरोध शुरू हो गया था। नतीजतन मामले को तूल पकड़ता देख प्रशासन ने संतोष पर बड़ी कार्रवाई कर दी।
मंत्री पर भी लगा आरोप
याद रहे अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष नरेंद्र गिरी जी ने वीडियो जारी कर घटना में स्थानीय मंत्री पर भी संदेह जताया था। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से चर्चा का दावा कर प्रधानमंत्री व गृहमंत्री तक से शिकायत की चेतावनी दी थी। वहीं संत समाज ने श्याम गृह निर्माण संस्था पदाधिकारियों पर भी संतों पर हमला कराने का ठेका देने का आरोप लगाया था।