भीड़ के एकत्रिकरण को देखते हुए कियोस्क सेंटर से हटाकर नया काउंटर लगाया
उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में इन दिनों बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन को आ रहे हैं। इसको देखते हुए मंदिर प्रशासन ने एक नया काउंटर महाकाल प्रवचन हाल गेट पर लगवाया है। इस काउंटर से शीघ्र दर्शन 250 रुपए की टिकट श्रद्धालुओं को मिलेगी। अभी तक कियोस्क सेंटर से ही 250 रुपये का शीघ्र दर्शन टिकट श्रद्धालुओं को दिया जा रहा था, जिसके चलते वहां पर भारी भीड़ का एकत्रिकरण हो रहा था और सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ रही थीं।
28 जून से महाकालेश्वर मंदिर को आम श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिया गया था। पिछले शनिवार और रविवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान के दर्शन को उमड़े थे। ऐसे में बड़ा गणेश मंदिर के सामने की पट्टी पर बनाए गए कियोस्क सेंटर से आनलाइन बुकिंग मैसेज, वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट देखने के साथ ही 250 रुपए का शीघ्र दर्शन टिकट भी विक्रय किया जा रहा था। जिसके चलते यहां पर भीड़ का एकत्रिकरण हो रहा था और बीच में होने के कारण लोगों को बेरिकेट्स में प्रवेश करने तक में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था।
इस बार भी शनिश्चरी अमावस्या होने और रविवार, सोमवार को मंदिर प्रशासन को बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना दिख रही है। लिहाजा उसने एक ही जगह पर तीनों व्यवस्थाओं में से एक व्यवस्था 250 रुपये का शीघ्र दर्शन टिकट काउंटर यहां से हटा दिया है।
नया काउंटर बनवाकर लगवाया
सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने बताया कि महाकाल प्रवचन हॉल मुख्य प्रवेश द्वार पर एसएफ की पुलिस चौकी थी। इसी चौकी को फिर से बनवाया गया है। गुरुवार की सुबह उन्होंने मंदिर की निर्माण शाखा से इसका निर्माण करने को कहा था। लिहाजा निर्माण शाखा ने प्रवेश द्वार पर चौकी का आकार बढ़ाकर इसको व्यवस्थित रूप दे दिया है। आज से यहां से श्रद्धालुओं को 250 रुपए शीघ्र दर्शन टिकट मिलना शुरू हो जाएंगे। यह तैयारी भीड़ का दृष्टिगत रखते हुए की गई है।
शाम से चार नंबर गेट पर ब्लैक आऊट
गुरुवार की शाम को नगर निगम द्वारा स्ट्रीट लाइट चालू नहीं करने के कारण यातायात पुलिस चौकी से लेकर बड़ा गणेश मंदिर तक अंधेरा पसरा रहा। ऐसे में श्रद्धालुओं के साथ किसी भी प्रकार की चोरी, लूटपाट आदि की घटना हो सकती है। मंदिर में जेब कतरे भी सक्रिय हैं। ऐसे में विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर के आसपास नगर निगम की लापरवाही से अंधेरा पसरना उज्जैन शहर की छवि को धूमिल करता है।