न्यायिक जांच में नारकोटिक्स उपनिरीक्षक दायमा एवं अन्य फंसे, प्रकरण दर्ज

दायमा की संपत्ति की भी हो जांच, सजा होना माना जा रहा तय

मंदसौर। पुलिस के नारकोटिक्स कार्यालय में तस्करी के आरोपी युवक की हिरासत में हुई मौत के मामले में उपनिरीक्षक राजमल दायमा अब बुरी तरह फंस गए हैं। न्यायिक जांच के तीन महीने बाद दायमा के साथ उनके साथी दो पुलिसकर्मी भी नप गए हैं।

सरकारी अस्पताल के एक डॉक्टर पर भी गलत रिपोर्ट बनाने का आरोप है। मृत युवक के परिजनों के सब आरोप न्यायिक जांच के बाद दर्ज प्रकरण के आधार पर सही साबित होते दिखते हैं। इस मामले को देखते हुए पुलिस महकमे में गुप्त रूप से कई चर्चा है, जिसमें बताते हैं कि उपनिरीक्षक दायमा की संपत्ति की भी जांच की दरकार है।

मंदसौर के वायडी नगर थाने में शनिवार रात में पुलिस की नारकोटिक्स विंग के उपनिरीक्षक राजमल दायमा, दो साथी पुलिसकर्मी सहित जिला चिकित्सालय के एक चिकित्सक डॉ. बीएस कटारा के खिलाफ धारा 302 सहित अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है। न्यायिक जांच के बाद न्यायाधीश के प्रतिवेदन पर यह प्रकरण दर्ज किया गया है।

बता दें कि मंदसौर बायपास पर स्थित पुलिस की नारकोटिक्स विंग के कार्यालय पर 3 अप्रैल की सुबह युवक सोहेल पिता हमीद खान की मौत हो गई थी। मृतक को 2 अप्रैल की शाम को ही 90 ग्राम स्मैक जब्त करने के आरोप में थाने लाया गया था। मौत के बाद परिजनों ने हंगामा कर उपनिरीक्षक दायमा पर हत्या करने का आरोप लगाया था। इसको देखते हुए मजिस्ट्रियल जांच के आदेश हुए थे।

न्यायाधीश समीर मिश्र ने इस मामले की जांच कर प्रतिवेदन सौंपा है। इसके बाद शनिवार रात में यशोधर्मन नगर थाने पर सभी के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया। मामले में पुलिस कप्तान सिद्धार्थ चौधरी ने कहा कि आगे की जाांच जारी है।

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