नगर निगम की कार्यप्रणाली भी बड़ी अजीब है। गंभीर डेम में पानी की कमी के सही कारण पर अंकुश लगाने के बजाय नई प्लानिंग दे रही है और वो भी 22 करोड़ रुपए की। नगर निगम की ओर से मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के पास पेयजल योजना का एक नया प्रस्ताव भेजा गया है, जो कि 11 करोड़ रुपए का है।
इस प्रस्ताव में नर्मदा घाटी प्राधिकरण की सिंचाई योजना से गंभीर बांध तक एक मीटर मोटाई की अंडरग्राउंड लाइन बिछाई जाने का कहा गया है। करीब आठ किमी लंबी लाइन के जरिए नईखेड़ी तक उस वक्त पानी लाने की योजना है तब जून में डेम खाली हो जाता है। योजना के करीब 100 से 200 एमसीएफटी पानी लाया जाएगा। सभी जानते हैं कि योजना बनाते वक्त गंभीर डेम की डिजाइन इस तरह की गई है कि वर्ष २०३३ तक शहर में यहां से पेयजल आपूर्ति की जा सकती है। लेकिन हर साल जून महीने में ही यह सूख जाता है और जनता को पानी के लिए परेशान होना पड़ता है।
नगर निगम पानी की कमी के कई कारण गिनाता है, जबकि असली कारण है डेम से पानी की चोरी। यहां के अधिकारी/कर्मचारियों की मिलीभगत से आसपास के किसान गंभीर डेम का पानी सिंचाई में उपयोग करते हैं। अगर नगर निगम इस पानी की चोरी पर अंकुश लगा ले तो गंभीर डेम पूरे साल पानी दे सकता है।