उज्जैन। गरीब और जरूरतमंदों के लिए चल रही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना और मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना में राशन दुकान संचालकों द्वारा लगातार गड़बड़ी की जा रही है। इसकी शिकायतें लगातार खाद्य विभाग और जिला प्रशासन से की जा रही है। लेकिन दोनों ही आंखे मूंदे बैठे रहते हैं। इसका उदाहरण बुधवार को एक राशन दुकान की जांच में सामने मिला और अफसरों ने नानाखेड़ा में संचालित राशन दुकान का लाइसेंस निलंबित कर दिया।
बताया जाता है कि नानाखेड़ा में नीलांचल प्राथमिक उपभोक्ता भंडार की राशन दुकान संचालित हो रही है। इसमें संचालक द्वारा लगातार गड़बड़ी की जा रही थी। इसकी शिकायतें स्थानीय निवासी लगातार कर रहे थे। परन्तु खाद्य विभाग के अफसर और जिला प्रशासन के भ्रष्ट अफसर इस तरह ध्यान नहीं दे रहे थे।
मामला बढऩे और प्रभारी मंत्री के सामने जाने के डर से बुधवार को खाद्य विभाग ने मामले की जांच के लिए खाद्य विभाग के एसएन मुवेल और रविंद्र सिंह सेंगर को जांच के लिए भेजा था। जांच के दौरान विक्रेता के सामने उपभोक्ताओं ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत दो माह का दो किलो नि: शुल्क गेहूं और मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना का दो किलो चावल कम देने की शिकायत की पुष्टि हुई। इसके आधार पर विक्रेता संजय जैन की राशन दुकान का लाइसेंस तत्काल निलंबित कर दिया गया।
दो माह में 64.46 क्विंटल गेहूं और चावल कम दिया
जांच के दौरान सामने आया कि राशन दुकान संचालक ने दो माह का प्रत्येक उपभोक्ता को दो किलो राशन कम दिया। इस तरह उसने योजना के तहत 64.46 क्विंटल गेहंू उपभोक्ताओं को कम दिया। इसके अलावा उसने 64.46 क्विंटल चावल भी कम दिया। साथ ही तीन माह का 1136 लीटर केरोसिन भी संचालक ने नहीं बांटा।