अब राष्ट्रीय स्तर से बंद का आव्हान, पहले राज्य स्तर के आह्वान पर हो चुकी है मंडी बंद
उज्जैन। दलहन की स्टॉक सीमा के विरोध में राष्ट्रीय स्तर पर 16 जुलाई को मंडियों को बंद रखने का आव्हान किया गया है। इसके तहत उज्जैन मंडी भी बंद रहेगी। संभाग की सभी 40 मंडियों को बंद करने के संबंध में व्यापारियों ने मंडी प्रशासन को सूचना दे दी है।
अनाज तिलहन संघ के पूर्व अध्यक्ष मुकेश हरभजनका ने बताया कि केंद्र सरकार ने स्टाक सीमा तय कर दी है। इससे राष्ट्रीय स्तर पर बंद का आव्हान किया गया है। इसी तहत उज्जैन की मंडी को बंद करने का फैसला किया गया है। अगर सरकार नहीं मानी तो दलहन की स्थायी तौर पर खरीदी बंद करने का फैसला लिया जा सकता है। इससे पहले राज्य स्तर पर बंद का आव्हान किया गया था।
व्यापारी संगठन चुनाव को लेकर एजेंडा जारी
मंडी चुनाव को लेकर एजेंडा जारी हो चुका है। व्यापारियों के बीच चर्चा शुरू हो गई है। इस बार फिर से दोनों गुटों के सदस्या और पदाधिकारी अपना -अपना पैनल बनाने में जुट गए हैं। ताकि चुनाव के दौरान 21 सदस्यीय पैनल को मैदान में उतारा जा सके। पिछली बार मुकेश हरभजनका गुट ने बाजी मार ली थी।
मंडी में कृषि सामान बेचने की छूट का प्रस्ताव भेजा
उज्जैन कृषि उपज मंडी में जिन व्यापारियों ने दुकानें या गोदाम लिए हैं। उसमें कुछ व्यापारी कृषि उपकरण, खाद और अन्य सामान को बेच रहे हैं। पिछले कई दिनों से इसे लेकर व्यापारियों और मंडी प्रशासन के बीच विवाद होता रहा है। वहीं कई स्तर पर व्यापारियों के इस तरह के व्यापार करने को लेकर आपत्तियां भी ली जाती रही है।
इस विवाद को खत्म करने और किसानों को एक ही स्थान पर सुविधा मिलने की संभावना को देखते हुए मंडी समिति ने दुकानों को कृषि से जुड़े सामान बेचने की अनुमति सशर्त दिए जाने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा है। बताया जाता है कि कृषि मंत्री के एजेंड़ा में किसानों को मंडी में ही आधुनिक सुविधा और कृषि से जुड़े सामान उपलब्ध कराना है।
इसी को आधार बनाकर मंडी समिति ने प्रस्ताव भेजा है। इसमें मंडी से लाइसेंस लेना और मंडी में व्यापार करना अनिवार्य शर्त के रुप में जोड़ा गया है। संभावना जताई जा रही है कि जल्द मंडी बोर्ड इस प्रस्ताव पर फैसला ले सकता है।