विनय चतुर्वेदी के निधन के बाद ग्रामीणों ने चौपाल पर मूर्ति लगाने का लिया फैसला
महिदपुर रोड। यूं तो हमारे देश में गुरु का स्थान हमेशा से पूजनीय रहा है लेकिन वर्तमान दौर में क्षेत्र के ग्राम कंथार खेड़ी के स्कूल में वर्षों तक शिक्षक रहे विनय कुमार चतुर्वेदी ने अपने सेवा और समर्पण भाव से गांववालों के दिलों में ऐसी जगह बनाई की अब गांव में उनकी प्रतिमा लगाई जा रही है। गुरुवार को विधि विधान के साथ उनकी प्रतिमा स्थापित की जाएगी।
ग्राम कंथार खेड़ी (खेडा) के विद्यालय में 33 वर्षो तक शिक्षक रहे विनय कुमार चतुर्वेदी निवासी गढ़ी भैसोला की विगत दिनों मृत्यु होने के बाद उनकी यादों को ताजा रखने के लिए ग्रामीणों ने ग्राम के सार्वजनिक स्थान पर एक चबूतरा बनाकर जोधपुर राजस्थान में कलाकार से बादामी संगमरमर के पत्थर से उनकी प्रतिमा बनवाकर लगाने का पैसला लिया। गांव वालों तथा स्कूली बच्चों के प्रति उनकी समर्पण भावना को ध्यान रखते हुए उन्हें यह सम्मान दिया जा रहा है।
गांव के मोडसिंह राठौर, लोकेन्द्रसिंह देवड़ा, गजराज सिंह के अनुसार शिक्षक चतुर्वेदी की प्रथम नियुक्ति उनके ही गांव में हुई थी। गांव वालों में फैली कुरुतियों तथा अन्य व्यसनों को चतुर्वेदी ने धीरे-धीरे प्रेम पूर्वक समझा कर पूरे गांव को कुरीति मुक्त गांव बना दिया। गांव में शिक्षक चतुर्वेदी का काफी सम्मान रहा है। उन्होंने अपने शासकीय दायित्व के अलावा गांव में दो मंदिर, एक पक्की यज्ञशाला तथा एक सार्वजनिक चबूतरे चौपाल का निर्माण ग्रामीणों तथा जन प्रतिनिधियों के जन सहयोग से करवा कर प्रतिवर्ष यज्ञ करवाने की परंपरा को स्थापित किया।
मूर्ति स्थापना तथा अन्य कार्यक्रम आयोजन समिति द्वारा आज गुरुवार को विधि विधान से धार्मिक मंत्रोचार तथा भोजन प्रसादी के साथ स्वर्गीय शिक्षक चतुर्वेदी की मूर्ति की स्थापना शुभ मुहूर्त में की जा रही है।