दोषियों पर कार्रवाई के लिए कांग्रेस ने किया प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन
शाजापुर। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के साथ सांठगांठ कर घटिया डेम का निर्माण करने वाले ठेकेदार के खिलाफ कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस नेताओं ने डेम पर पहुंचकर ठेकेदार और जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई किए जाने को लेकर प्रदर्शन किया। साथ ही राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपकर दोषी अधिकारियों और ठेकेदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग की गई।
ग्राम सेमली के कालीसिंध नदी पर करीब 7 करोड़ 39 लाख रुपए की लागत से बन रहे स्टॉप डेम में जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर ठेकेदार द्वारा घटिया मटेरियल का उपयोग किया गया है, जिसके चलते पहली बारिश में बांध की हालत खस्ता हो चली है। इसको लेकर कथित तौर पर भ्रष्टाचार कर किसानों के साथ छलावा करने वाले ठेकेदार और जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के खिलाफ बुधवार को कांग्रेस जिलाध्यक्ष योगेंद्रसिंह बंटी बना के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कालीसिंध नदी पर बन रहे डेम पहुंचकर जिम्मेदारों के खिलाफ नारेबाजी की और ज्ञापन सौंपा। सौंपे गए ज्ञापन में ठेकेदार के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर उसे ब्लैक लिस्टेड करने तथा विभाग के अधिकारियों पर कार्रवाई किए जाने की मांग की गई। इस अवसर पर जिला कांग्रेस प्रवक्ता गोविंद शर्मा, अजबसिंह पंवार, भेरूलाल सौराष्ट्रीय, हिरेंद्रसिंह जादौन, रामनारायण कुशवाह आदि मौजूद थे।
7 दिन बाद करेंगे उग्र आंदोलन
बताया गया कि स्टॉपडेम की बिना बारिश के ही गिट्टी हाथों से निकल रही है। अभी यह स्टॉपडेम एक बारिश भी नहीं झेल पाया है। स्टॉपडेम की लागत 7 करोड़ 39 लाख रूपए स्वीकृत है। जबकि उक्त स्टॉपडेम निर्माण में आधी राशि भी खर्च नहीं की गई है। घटिया सामग्री के इस्तेमाल पर ठेकेदार पर एफआईआर दर्ज करने की मांग भी की गई। ज्ञापन में चेतावनी दी गई कि यदि दोषियों पर एक सप्ताह में कार्रवाई नही की गई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।
भोपाल कलेक्टर और डीआईजी के निलंबन की रखी मांग
कालीसिंध स्टॉप डेम निर्माण में हुई धांधली के दोषियों पर कार्रवाई किए जाने के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह के साथ बर्बरता करने वाले भोपाल कलेक्टर और डीआईजी को निलंबित करने की मांग को लेकर भी राज्यपाल के नाम कांग्रेस ने ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया कि राजधानी भोपाल में दिग्विजयसिंह नियम विरुद्ध औद्योगिक क्षेत्र की भूमि अपात्र संस्था को आवंटन करने को लेकर प्रशासन के समक्ष गांधीवादी तरीके से अपना विरोध प्रकट करने पहुंचे थे, लेकिन यहां कलेक्टर अविनाश लवानिया भोपाल, डीआईजी इरशाद वाली के निर्देशन में पुलिस द्वारा उनके साथ और अन्य समाजसेवियों के साथ बर्बरता की गई। मामले में कलेक्टर लवानिया और डीआईजी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर हाईकोर्ट की निगरानी में उच्च स्तरीय जांच किए जाने की मांग की गई।