19 जुलाई से शुरू होगा आंदोलन, 10 अगस्त तक चलेगा
उज्जैन। इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंटद्ध बिल 2021 के विरोध में 10 अगस्त को देश भर के 15 लाख बिजली कर्मचारी व इंजीनियर हड़ताल व कार्य बहिष्कार करेंगे। यह फैसला बिजली कर्मचारियों व अभियंताओं की राष्ट्रीय समन्वय समिति नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ़ इलेक्ट्रिसिटी इम्पलॉईस एन्ड इंजीनियर्स एनसीसीओईई ने लिया है।
मीटिंग की अध्यक्षता फेडरेशन के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे ने की। दुबे ने बताया कि केंद्र सरकार ने संसद के मानसून सत्र में इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंटद्ध बिल 2021 संसद में रखने और पारित करने का ऐलान किया है जिसके विरोध में बिजली कर्मियों को राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर जाने का फैसला लेना पड़ा है। उन्होंने कहा, बिजली मामलों की स्टैंडिंग कमेटी को भेजा जाना चाहिए। कमेटी के सामने बिजली उपभोक्ताओं और बिजली कर्मियों को विचार रखने का पूरा अवसर दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 में उत्पादन का लाइसेंस समाप्त कर बड़े पैमाने पर बिजली उत्पादन का निजीकरण किया गया, जिस वजह से जनता को निजी घरानों से बहुत महंगी बिजली खरीदनी पड़ी ।अब इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमें बिल 2021 के जरिये बिजली वितरण का लाइसेंस लेने की शर्त समाप्त की जा रही है, जिससे बिजली वितरण का निजीकरण हो जाएगा। इससे एक से अधिक बिजली कम्पनियां बिना लाइसेंस लिए कार्य कर सकेंगी।
बिजली वितरण के लिए सरकारी वितरण कंम्पनी का इंफ्रास्ट्रक्चर और नेटवर्क इस्तेमाल करेंगी। नए बिल के जरिये सरकार बिजली वितरण का सम्पूर्ण निजीकरण करने जा रही है जो किसानों और गरीब घरेलू उपभोक्ताओं के हित में नहीं है।
19 जुलाई से विरोध शुरू होगा
उन्होंने बताया कि इस बिल के विरोध में 19 जुलाई को देश भर में बिजली कर्मी विरोध सभाएं करेंगे , 27 जुलाई को एनसीसीओईई के राष्ट्रीय पदाधिकारी केंद्रीय विद्युत मंत्री आरके सिंह से दिल्ली में मिलकर उन्हें ज्ञापन देंगे। 3 अगस्त को उत्तरी क्षेत्र, 4 अगस्त को पूर्वी क्षेत्र, 5 अगस्त को पश्चिमी क्षेत्र और 6 अगस्त को दक्षिणी क्षेत्र के बिजली कर्मी दिल्ली में श्रम शक्ति भवन पर सत्याग्रह करेंगे । 10 अगस्त को राष्ट्रव्यापी हड़ताल की जाएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि केंद्र सरकार ने 10 अगस्त के पहले संसद में बिल रखा तो देश भर के बिजली कर्मी उसी दिन हड़ताल करेंगे । इसी कार्यक्रम के 19 जुलाई को मप्र के सभी कंपनी मुख्यालय, क्षेत्रीय मुख्यालय एवं जिला मुख्यालयों में शाम 4 बजे से 6 बजे विरोध प्रदर्शन किया जायेगा। 5 अगस्त को दिल्ली के विरोध प्रदर्शन में शामिल होगें एवं 10 अगस्त को संपूर्ण मध्यप्रदेश में एक दिवसीय कार्य का बहिष्कार किया जायेगा ।