उज्जैन, अग्निपथ। महाकालेश्वर मंदिर में राय देने वालों की कमी नहीं है। गुरुवार को दर्शन अनुमति के मैसेज में भेजी गई समय अवधि (स्लाट)में ही श्रद्धालुओं को प्रवेश करने का नियम शुरू कर दिया गया। जिसके चलते श्रद्धालुओं को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। इससे परेशान होकर श्रद्धालु शंख द्वार पर विवाद करते रहे। आश्चर्य की बात तो यह भी है कि महाकाल दर्शन ऐप में स्लाट में दर्शन का नोटिस भी नहीं डाला गया है।
महाकाल दर्शन ऐप और मंदिर के टोल फ्री नंबर 182310008 पर जब श्रद्धालु दर्शन अनुमति की बुकिंग करता है, तो जो मैसेज उसके पास पहुंचता है उसमें निश्चित समय अवधि (स्लाट) डला रहता है। मंदिर समिति ने ऐप और टोल फ्री नंबर पर 2-2 घंटे की 8 समयावधि (स्लाट) सुबह 6 बजे से लेकर रात 9 बजे तक निर्धारित की है। इसी दर्शन अवधि में श्रद्धालुओं को भगवान महाकाल के दर्शन करना होते हैं, लेकिन अभी तक इस समय अवधि का ध्यान नहीं रखा गया और श्रद्धालुओं को सहूलियत प्रदान करते हुए मंदिर प्रशासन द्वारा सुबह 6 से रात्रि 9 बजे तक किसी भी समय दर्शन की सहूलियत प्रदान कर रखी थी।
लेकिन गुरुवार से यह नियम सख्ती से लागू कर दिया गया कि जिस समय की समय अवधि (स्लाट) मैसेज में डली हुई होगी, उसी समय अवधि के दौरान श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जाएगा। अधिकारियों ने भी बिना सोचे-समझे कर्मचारी की दी गई राय को मान लिया और अब इसके विपरीत परिणाम देखे जा रहे हैं।
शंख द्वार पर विवाद
जिन श्रद्धालुओं को मंदिर प्रशासन द्वारा मैसेज भेजे गए हैं अथवा उनके द्वारा सेम डे बुकिंग भस्मारती काउंटर पर करवाई गई है, वह सीधे दर्शन करने के लिए शंख द्वार पर पहुंच रहे हैं, लेकिन निश्चित समय अवधि (स्लाट) में बुकिंग नहीं होने के कारण मंदिर के सुरक्षाकर्मी और द्वार निरीक्षक उनको प्रवेश नहीं दे रहे हैं, जिसके चलते शंख द्वार पर विवाद की स्थिति पैदा हो रही है। शंख द्वार के आसपास बड़ी संख्या में श्रद्धालु अपने परिवार जनों के साथ बैठकर अपनी समय के आने का इंतजार कर रहे हैं, जिसके चलते छोटे-छोटे बच्चे और बुजुर्गों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
निश्चित समय में दर्शन का उल्लेख नहीं
महाकाल दर्शन ऐप में स्लाट तो श्रद्धालुओं को बुकिंग करने के लिये दे रखे हैं, लेकिन जिस तरह से उम्र का नोटिस डाला गया है, उसी तरह का नोटिस स्लाट में बुकिंग का भी होना चाहिए, ताकि श्रद्धालुओं को इस बात की जानकारी रहे कि उसे महाकाल दर्शन के लिए किस समय मंदिर कूच करना है।