छोटे उद्योगों की योजना अमल में लाने से पहले ही विवाद, बैठक में नहीं बुलाने से उद्यमी नाराज

पोहा-परमल एसोसिएशन समेत अन्य एसोसिएशन को नहीं बुलाया बैठक में

उज्जैन। शहर में उद्योगों के लिए जमीन आवंटने और क्लस्टर बनाए जाने की कवायद चल रही है। परन्तु प्रशासन द्वारा चुनिंदा उद्यमियों को बुलाया जा रहा है। इससे संगठन के लोग नाराज हो गए हैं। शुक्रवार को भी इसी तरह का वाकया सामने आने के बाद उद्यमियों ने नाराज हो गए हैं।

इस संबंध में पोहा-परमल एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेद्र राठी का कहना है कि पहले हमें सोयाबीन प्लांट की जमीन देने का वादा कलेक्टर ने किया था। परन्तु बाले -बाले ही जमीन बाहरी उद्योगपति को दे दी गई। शहर में कई बार बैठक उद्यमियों के लिए आयोजित की जा रही है। परन्तु पता नहीं किन लोगों को बैठक में बुलाकर सरकार को स्थानीय प्रशासन गुमराह कर रहा है। भोपाल में भी हमने मुख्यमंत्री से इस बात की शिकायत की है। प्रशासन अपनी मर्जी से स्थानीय उद्यमियों को नजर अंदाज कर रहा है।

इस संबंध में पोहा-परमल एसोसिएशन के वरिष्ठ सदस्य ईश्वर पटेल का कहना है कि उन्हें शुक्रवार को किसी मीटिंग की सूचना नहीं मिली है। अवंतिका उद्योग कल्याण संघ के अध्यक्ष अशोक चौधरी की कहना है कि उन्हें भी मीटिंग की कोई सूचना जिला प्रबंधक की तरफ से नहीं दी गई है। पता नहीं प्रशासन छोटे और मद्यम उद्योगों के लिए किस तरह से योजना बना रहा है। हमारी समस्याओं के विषय में उसे कुछ पता ही नहीं है।

केवल लघु उद्योग भारती को अधिकृत सूचना थी

बैठक के संबंध में लघु उद्योग भारती के सुनील पिठवे का कहना है कि संभवत: केवल लघु उद्योग भारती को ही अधिकृत रूप से बुलाया गया था। बाकी किसी भी संस्था को नहीं बुलाया गया था।

छोटे उद्योगों के लिये 120 हेक्टेयर जमीन का लैंडपूल

कलेक्टर आशीष सिंह ने छोटे और मद्यम उद्योगों को लगाने के इच्छुक उद्यमियों से चर्चा की। कलेक्टर ने बताया कि जिले में उद्योगों के लिये 120 हेक्टेयर जमीन का लैंडपूल बनाया गया है। उद्यमियों के लिये चयनित की गई अधिकांश जमीन देवास-बदनावर के नये नेशनल हाईवे व इन्दौर रोड के निकट ब्रजराजखेड़ी, नागदा हाईवे पर रूईगढ़ा, पंवासा में उपलब्ध है।

कलेक्टर ने सभी उद्यमियों की आवश्यकताओं के बारे में जानकारी ली तथा महाप्रबंधक उद्योग को निर्देश दिये कि वे पांच-पांच एकड़ के क्लस्टर में रेडीमेड गारमेंट व दोना-पत्तल व्यवसाईयों को जमीन आवंटित करने के लिये कार्यवाही करें। साथ ही उन्होंने उज्जैन में 15 से 20 एकड़ में फूड क्लस्टर बनाने के निर्देश दिये हैं। कलेक्टर ने कहा कि ऐसे उद्यमियों को प्राथमिकता से जमीन आवंटित की जायेगी जो ढाई से तीन माह में अपना उद्योग लगाने की कार्यवाही प्रारम्भ कर देंगे।
बैठक में महाप्रबंधक उद्योग ने बताया कि रेडीमेड गारमेंट्स, इंजीनियरिंग, दोना-पत्तल, पोहा आदि व्यवसाईयों का क्लस्टर बनाकर जमीन आवंटन करने की बात कही। बैठक में दोना-पत्तल व्यवसाईयों ने प्रत्येक व्यवसाई के लिये 5 से 10 हजार वर्गफीट के प्लाट आवंटन की बात रखी।

इसी तरह प्लास्टिक इण्डस्ट्री के उद्यमियों ने क्लस्टर में न्यूनतम पांच एकड़ जमीन आवंटित करने की बात कही। प्लास्टिक रिप्रोसेस उद्योग में उज्जैन प्रदेश में नम्बर.1 स्थान पर है। इसी तरह दोना.पत्तल व्यवसाय भी सर्वाधिक रोजगार करने वाला है।

बैठक में सुपारी के पत्तों से एक्सपोर्ट क्वालिटी के डिस्पोजेबल बनाने वाले परेश शर्मा ने भी अपने उद्योग के लिये जमीन आवंटित करने की मांग रखी। बैठक में अपर कलेक्टर अवि प्रसादउद्योग विभाग के महाप्रबंधक एआर सोनी, उद्योगपति आनन्द बांगड़, कालरा, अतुल जैन, गिरीश जायसवाल सहित अन्य उद्यमी मौजूद थे।

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