13 डॉक्टरों को किया आवास आवंटन, निवासरत शासकीय आवास के जीर्णशीर्ण होने की बात कही
उज्जैन, अग्निपथ। चरक अस्पताल में बने शासकीय एफ टाइप आवास के आवंटन में वरिष्ठ सर्जरी विशेषज्ञ को आवास आवंटित नहीं किया है। जबकि जूनियर डॉक्टरों को आवास आवंटित कर दिया गया। ऐसे में नाराज डॉ. अजय दिवाकर ने नौकरी से इस्तीफा देने की पेशकश की है। उन्होंने कमिश्नर कलेक्टर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को इस्तीफा प्रेषित कर दिया है।
जानकारी के अनुसार चरक अस्पताल के पीछे 36 शासकीय आवासों का आवंटन किया जाना है। इसको लेकर डॉक्टरों से लेकर स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों से आवेदन आमंत्रित किए गए थे। इनमें से 13 डॉक्टर डॉ. रेणु दुबे, डॉ. संजय राणा, डॉ. दिलीप वास्के, डॉ. नरेन्द्र गोमे, डॉ. निलेश कुमार चंदेल, डॉ. अभिषेक जीनवाल, डॉ. डीपी जाटव, डॉ. रौनक एलची, डॉ. अंशु वर्मा, डॉ. आरती सोनकेसरिया, डॉ. अजय दंडोतिया, डॉ. हरिओम गुर्जर और डॉ. पंकज टांक को 15 जुलाई को सूची जारी कर आवास आवंटित कर दिया गया।
लेकिन वरिष्ठ सर्जन डॉ. दिवाकर का कहना है कि उनको आवास आवंटित नहीं किया गया। ऐसे में उनके द्वारा इस्तीफे का लैटर तैयार करवाकर वरिष्ठ अधिकारियों को प्रेषित कर दिया गया है।
मकान होने के बावजूद आवास आवंटन
डॉ. अजय दिवाकर ने अपने इस्तीफे में इस बात का भी उल्लेख किया है कि पिछले पांच वर्ष की उपरोक्त डॉक्टरों द्वारा की गई सर्जरी, इमरजेंसी और कॉल ड्यूटी का विवरण निकाला जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि मेडिकल की पढ़ाई करने के बाद प्रशिक्षण पर कार्यरत उनके जूनियर डॉ. हरिओम गुर्जर और डॉ. पंकज टांक को भी आवास आवंटित कर दिया गया। उन्होंने उपरोक्त डॉक्टरों पर यह भी आरोप लगाया कि इनमें से कई डॉक्टरों के शासकीय और स्वयं के आवास हैं। लेकिन उनको भी आवास आवंटन के दायरे में ले लिया गया।
जीर्ण शीर्ण आवास में रह रहे डॉ. दिवाकर
डॉ. दिवाकर ने बताया कि सख्याराजे प्रसूतिगृह में उनको जो शासकीय आवास आवंटन किया गया था। वह जीर्णशीर्ण अवस्था में है। उसको डिस्मेंटल किया जाना है। यहां पर आए दिन जीव जानवरों के निकलने का खतरा रहता है। उनकी इमरजेंसी कॉल डयूटी रहती है और उनकी पत्नी आठ माह से प्रेगनेंट है। पूर्व में भी उनके दो बच्चों की मौत हो चुकी है। एक बच्चा है जो घर पर अकेला रहता है। उनके द्वारा भी चरक अस्पताल में बनाए गए भवन के आवंटन के लिए आवेदन दिया गया था।
संख्याराजे प्रसूतिगृह के आवंटित आवास में 2 माह पहले सांप निकला था। जिसकी सूचना सिविल सर्जन और सीएमएचओ की दी गई थी। उनके द्वारा कहा गया था कि यह सब सामान्य बात है। लेकिन उनकी बात को ध्यान ना देकर अन्य को व उनके जूनियरों को चरक भवन में शासकीय आवास आवंटित कर दिया गया। ऐसी स्थिति में शासकीय सेवा से त्याग पत्र देना उचित होगा।
इनका कहना है
कलेक्टर के निर्देशानुसार उन्हीं कर्मचारियों को आवास आवंटन किया गया है, जिनके शासकीय अथवा निजी आवास नहीं हैं। यह लिस्ट फायनल नहीं है। अगले सप्ताह दूसरी सूची जारी होगी। -अवि प्रसाद, अपर कलेक्टर और आवंटन समिति सदस्य
चरक के आवास आवंटन की पांच सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। इस कमेटी के सदस्यों द्वारा आवास आवंटन किया गया है। इसमें मेरा कहीं से कहीं तक दखल नहीं है। -डॉ. महावीर खंडेलवाल, सीएमएचओ