एरियर की राशि आने पर नर्स के पेंशन में अड़ंगे डालने की धमकी देकर मांगे थे 25 हजार
मंदसौर। जिले में लंबे समय बाद लोकायुक्त ने रिश्वतखोर को दबोचा है। हालांकि आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। उसे नोटिस पर छोड़ा गया है। बाबू द्वारा रिश्वत की रकम को साहुकारी धंधे में बदलने की कोशिश की है।
लोकायुक्त पुलिस ने बीमा अस्पताल के बाबू सत्यनारायण सोनी को 25 हजार की रिश्वत लेते दबोचा है। उज्जैन लोकायुक्त के निरीक्षक बसंत श्रीवास्तव ने सोनी को नर्स की शिकायत पर पकड़ लिया। आरोपी बीमा बाबू स्टाफ़ नर्स निर्मला सोनी से रिश्वत की बड़ी रक़म मांग रहा था। रुपये नहीं देने पर पेंशन रोकने की धमकी भी दी थी। हालांकि आरोपी सत्यनारायण सोनी की सफाई है कि उसने 25 हजार रुपये डेढ़ वर्ष पूर्व उधार दिए थे, वही रकम वह मांग रहा था। सोनी का तर्क है कि उसके पास उधार दी गई रकम का हस्ताक्षर युक्त कागज है, लेकिन वह उसे मौके पर ना दिखा पाया और ना उपलब्ध करा पाया।
फरियादी नर्स के अनुसार बाबू ने वसूली निकलने का डर दिखाया था। रिश्वत न देने पेन्शन प्रकरण में अड़ंगा की धमकी भी दी थी। वेतन, एरियर, भत्ते सभी प्रकार की देयक में बाबू ने कमीशन की रक़म तय की थी। हालांकि श्रीमती सोनी ने ये आरोप अन्य से वसूली करने के नहीं लगाए हैं। बता दें कि बीमा हॉस्पिटल के बाबू सत्यनारायण सोनी उसी हॉस्पिटल की स्टाफ नर्स से वेतन वृद्धि के नाम पर लंबे समय से पैसों की मांग कर रहा था। वर्तमान में वेतन वृद्धि की एरियर की रक़म जैसे ही नर्स के खाते में आयी बाबू के मन में लालच आ गया और उसने 25, हज़ार रुपया की मांग कर डाली।
यह रक़म नहीं देने पर एक वर्ष में रिटायर होने वाली स्टाफ़ नर्स के पेंशन गड़बड़ी करने व रिकवरी निकालने की धमकी दी । उपरोक्त रिश्वत की शिकायत पर फ़रियादी द्वारा पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त उज्जैन शैलेंद्र सिंह चौहान को की गई, जिस पर उन्होंने निरीक्षक को कार्यवाही करने के निर्देश दिए। जिस पर लोकायुक्त निरीक्षक बसन्त श्रीवास्तव की टीम ने आज कार्यवाही की। श्रीवास्तव ने बताया कि आरोपी सोनी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। उसे नोटिस पर छोड़ा गया है। आरोपी सरकारी कर्मचारी है, साहूकार नहीं है।