शाजापुर, अग्निपथ। जच्चा-बच्चा की मृत्यु दर को रोकने के लिए शासन द्वारा विभिन्न योजनाएं संचालित कर अस्पतालों में सुरक्षित प्रसव कराने हेतु लोगों को प्रेरित किया जा रहा है, लेकिन निजी अस्पतालों की तर्ज पर ही शाजापुर जिला अस्पताल में सरकार की मंशा को पलीता लगाते हुए महिला चिकित्सक और स्टॉफ नर्सों द्वारा गरीबों के साथ लूटमार की जा रही है।
शाजापुर अस्पताल में लंबे समय से स्टॉफ नर्सों द्वारा सामान्य प्रसव के नाम पर अवैध वसूली के मामले सामने आते रहे हैं, परंतु अब अस्पताल की महिला चिकित्सक की करतूत सामने आई है जहां एक गरीब पीडि़ता से डॉ स्मितासिंह द्वारा ऑपरेशन के नाम पर रुपयों की मांग की गई है। जब इस बात की भाजपा जिलाध्यक्ष अंबाराम कराड़ा को जानकारी लगी तो उन्होने अस्पताल पहुंचकर संबंधित डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए।
शुजालपुर निवासी लक्ष्मीबाई पति जगदीश बीते तीन दिनों से प्रसव के लिए जिला अस्पताल में भर्ती थी। प्रसव में जटिलता के चलते मौजूद महिला रोग विशेषज्ञ डॉ स्मितासिंह ने अस्पताल में सीजर करने की बात कही और लक्ष्मीबाई से ऑपरेशन के लिए 7 हजार रुपए जमा करने को कहा। इस पर लक्ष्मीबाई का पति जगदीश रुपयों का इंतजाम करने में जुट गया। रुपयों का इंतजाम नहीं होने पर जगदीश ने डॉ सिंह से ऑपरेशन के बाद रुपया देने की बात कही, जिस पर उन्होंने ऑपरेशन करने से इनकार कर दिया। इ
धर अस्पताल में नि:शुल्क रूप से होने वाले ऑपरेशन के लिए रुपए वसूले जाने की बात सामने आने पर भाजपा जिलाध्यक्ष अंबाराम कराड़ा शनिवार सुबह जिला अस्पताल जा पहुंचे और सीएमएचओ डॉ राजू निदारिया सहित स्टाफ के साथ बैठक की। बैठक के दौरान कराड़ा ने पीडि़ता को बुलाकर उसकी शिकायत सुनी। इसके बाद अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे डॉ स्मितासिंह के खिलाफ कार्रवाई करें।
पूर्व में भी रुपया वसूली के लगे हैं आरोप
गौरतलब है कि डॉ स्मितासिंह पर 3 दिसंबर 2020 को ग्राम लाहोरी में रहने वाले परिवार ने भी सीजर कराने के लिए रुपए मांगे जाने के आरोप लगाए थे। साथ ही डॉ स्मितासिंह के खिलाफ कार्रवाई को लेकर कलेक्टर दिनेश जैन को लिखित में शिकायत भी की थी। वहीं अवैध रूप से सोनोग्राफी सेंटर चलाने के मामले में भी कलेक्टर ने डॉ स्मिता पर एफआईआर दर्ज कराई थी।
फिर भी सरकारी अस्पताल में पहुंचने वाले मरीजों से भी नि:शुल्क ऑपरेशन के रुपए वसूल रही है। जो मरीज रुपए देने से इनकार कर देते हैं तो गर्भवती महिलाओं को इंदौर या उज्जैन रैफर किया जाता है। अस्पताल में सामान्य प्रसव के नाम पर भी गरीब परिवारों से दो हजार रुपए तक की वसूली की जा रही है। गतदिनों भी तालाब की पाल और महूपुरा निवासी महिला को जिला अस्पताल में सुरक्षित सामान्य प्रसव के लिए भर्ती कराया गया जहां स्टॉफ नर्सों ने गर्भवती महिलाओं से दो हजार रुपए वसूल किए।