पत्रकार पिता के कार्ड से प्रवेश करता पकड़ाया युवक, फोन से कॉल कर प्रवेश करने वालों को भी रोका
उज्जैन, अग्निपथ। शनिवार को श्री महाकालेश्वर मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा। मंदिर में प्रवेश करने को लेकर लगातार फर्जी लोग सामने आते रहे। मंदिर की सहायक प्रशासक और तहसीलदार पूर्णिमा सिंघी ने मंदिर के चार नंबर गेट पर खड़े होकर निरीक्षण किया और कई श्रद्धालुओं को बैरंग वापस लौटाया। ऐसी स्थिति में बड़ी संख्या में 250 रुपए टिकट खरीदकर श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
श्री महाकालेश्वर मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ भगवान महाकाल के दर्शन करने को उमड़ी। अपराह्न करीब 11 बजे के लगभग मंदिर की सहायक प्रशासक और तहसीलदार पूर्णिमा सिंघी द्वारा मंदिर के चार नंबर गेट पर निरीक्षण करने के लिए पहुंची और लगभग 2 घंटे तक उन्होंने मंदिर में प्रवेश करने वालों की चैकिंग की। इस दौरान फर्जी नाम लेकर प्रवेश करने वालों को बड़ी संख्या में रोका गया। इनमें से एक श्रद्धालु श्रमजीवी पत्रकार संघ का अपने पिता का आई कार्ड लेकर आया हुआ था। वह लगातार मंदिर में श्रद्धालुओं को लेकर आ रहा था। उसको भी रोका गया और उसे नाम पता पूछा गया तो फर्जीवाड़ा सामने आया।
उसने बताया कि उसके पिता श्रमजीवी पत्रकार हंै और वह उनका कार्ड लेकर मंदिर में श्रद्धालुओं को दर्शन करवाने के लिए आया है। लिहाजा सहायक प्रशासक ने उसका कार्ड जब्त कर अपने पास रख लिया और अपने पिता को लाने के बाद ही कार्ड वापस करने की बात कही। इस दौरान सत्ता संगठन से जुड़े कई लोगों ने फोन पर ही बात कर अपने लोगों को प्रवेश करवाने की कोशिश की लेकिन सहायक प्रशासक ने उनको वापस लौटाया। शनिवार को बड़ी संख्या में 250 रुपए टिकट लेने वाले श्रद्धालुओं ने दर्शन किए और मंदिर की आय में बढ़ौत्तरी की।
एक ही शिफ्ट में 13 लाख तक पहुंचा आंकड़ा
जानकारी में आया है कि सहायक प्रशासक और तहसीलदार के चार नंबर गेट पर मौजूद होने के चलते बड़ी संख्या में श्रद्धालु 250 रुपए शीघ्र दर्शन टिकट खरीद कर भगवान महाकाल के दर्शन करते रहे। गेट पर मौजूद निरीक्षक, सुरक्षाकर्मी और पुलिसकर्मियों सहित सभी ने फर्जी रूप से घुसने वाले श्रद्धालुओं पर अंकुश लगाया और मंदिर की आय को बढ़ाया। इस दौरान फोन पर बात करवा कर प्रवेश करने वालों पर भी सहायक प्रशासक की मौजूदगी के कारण अंकुश लगा रहा।
पुरोहित के 30 लोगों को चेक किया
मंदिर के एक पुरोहित द्वारा 250 रुपए शीघ्र दर्शन टिकट का दोबारा उपयोग करने की सूचना पर सहायक प्रशासक और तहसीलदार द्वारा उसके आए हुए श्रद्धालुओं का भौतिक सत्यापन किया गया और टिकट की जांच की गई। तब कहीं जाकर उनके श्रद्धालुओं को भगवान महाकाल के दर्शन को जाने की अनुमति प्रदान की गई। बताया जाता है कि उक्त पुरोहित प्रतिदिन 4 नंबर गेट से श्रद्धालुओं को प्रवेश करवा कर मंदिर की आय को बट्टा लगाने का काम कर रहा था। इसी तरह एक नियमित श्रद्धालु को भी अनाधिकृत प्रवेश करते हुए रोका गया और उसे वापस लौटा दिया गया।
टिकट पर डेट और समय अवधि नहीं डाली
करीब 3 दिन पूर्व सहायक प्रशासक सुश्री सिंघी द्वारा काउंटर पर कार्यरत कर्मचारियों को निर्देशित किया गया था कि 250 रुपए शीघ्र दर्शन टिकट के पीछे की ओर डेट और समय अवधि डाली जाए। लेकिन उनके द्वारा चेकिंग करने पर ज्ञात हुआ कि टिकट पर डेट और समय अवधि नहीं डाली गई। जिस पर उन्होंने 250 रुपए टिकट काउंटर पर कार्यरत कर्मचारियों को पुन: आदेशित किया। इसके बाद टिकट पर डेट और समय अवधि डाली जाने लगी।
ज्ञातव्य रहे कि 250 रुपए शीघ्र दर्शन टिकट को लेकर श्रद्धालु अंदर प्रवेश करता है और उसका टिकट नहीं फाड़ा जाता है जिसके चलते पुन: उसका उपयोग अन्य श्रद्धालुओं द्वारा कर लिया जाता है। ऐसे में तहसीलदार द्वारा टिकट पर डेट और समय अवधि डालने का निर्देश प्रदान किया गया था।